वाशिंगटनः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मैगजीन राइटर ई जीन कैरोल के यौन शोषण के दोषी पाए गए हैं। न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट-रूम में इस मामले में फैसला सुनाया गया। न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प को कैरोल को मुआवजे के रूप में 41 करोड़ रुपए (5 मिलियन डॉलर) देने होंगे।

नौ सदस्यीय जूरी ने ट्रम्प को कैरोल का यौन शोषण और मानहानि करने के लिए जिम्मेदार माना, लेकिन ट्रम्प पर लगे रेप के आरोप को खारिज कर दिया।

आपको बता दें कि मैगजीन राइटर जीन कैरोल ने 2019 में आरोप लगाया था कि ट्रम्प ने 1996 में मैनहट्टन के एक डिपार्टमैंटल स्टोर में उनका रेप किया था। इसके बाद ट्रम्प ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया था। उन्होंने कहा कि वे कैरोल को नहीं जानते और उनसे स्टोर में नहीं मिले थे। उन्होंने कहा था कि कैरोल अपनी किताब को बेचने के लिए झूठी कहानी बना रही हैं।

इस मामले में 25 अप्रैल को ट्रायल शुरू हुआ था। ट्रायल के दौरान दो महिलाओं ने ट्रम्प के खिलाफ गवाही दी। पीपल मैगजीन की रिपोर्टर नताशा स्टॉयनॉफ ने बताया कि ट्रम्प ने 2005 में उन्हें जबरदस्ती किस किया था। दूसरी महिला जेसिका लीड्स ने बताया कि ट्रम्प ने 1979 में उन्हें किस किया था और छेड़छाड़ की थी। जूरी ने ट्रम्प की 2005 की एक रिकॉर्डिंग भी सुनी। इसमें ट्रम्प महिलाओं को बिना परमिशन के किस करने और पकड़ने के बारे में बात कर रहे थे।

उधर, कैरोल की दो दोस्तों ने ट्रायल में गवाही दी कि कैरोल ने उन्हें इस घटना के बारे में बताया था। हालांकि, ट्रम्प के डर से इस बात को किसी को ना बताने के लिए कहा था। कैरोल को डर था कि अगर वे सामने आईं तो ट्रम्प अपनी पावर और पैसों के दम पर उनसे बदला लेंगे।

ट्रम्प अपने खिलाफ चले सिविल ट्रायल में शामिल नहीं हुए थे। फैसला सुनाए जाने के समय भी वे मौजूद नहीं थे। ये एक सिविल मामला है, इसलिए इसमें ट्रम्प के सामने जेल जाने का खतरा नहीं है। इस मामले में जूरी के मेंबर्स की पहचान गुप्त रखी गई है। बाद में ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया अकांउट पर फैसले को अपमानजनक बताते हुए कहा कि वे कैरोल को नहीं जानते। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।

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