दिल्लीः अगर आप डिजिटल पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़िए। भारत में जब डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म की बात की जाती है, उसमें सबसे पहला नाम फोन पे और गूगल पे का आता है, लेकिन अब स्कैमर्स ने गूगल पे और फोनपे यूजर्स को ठगने का रास्ता खो निकाला है। साइबर क्रिमिनल ने फोनपे और गूगल पे फ्रॉड की मदद से पिछले 16 दिनों में मुंबई में 18 लोगों से करीब 01 करोड़ रुपये लूट लिए हैं।

आपको बता दें कि अभी तक केवाईसी, पैन स्कैन के मान पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था, लेकिन अब मार्केट में एक नए तरह का बैंक फ्रॉड सामने आया है, जिसमें साइबर क्रिमिनल जानबूझकर आपने गूगल पे या फिर फोन अकाउंट में पैसे भेजते हैं। पिर कॉल करके कहते हैं कि वह गलती से आपके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो गया है। इस तरह आप उसके झांसे में आकर पैसा वापस कर देते हैं और फिर हैंकिंग का शिकार हो जाते हैं।

कैसे हैक होता है अकाउंटः  साइबर एक्सपर्ट की मानें, तो यह एक तरह का मालवेयर है, जिसमें आपको कुछ पैसे भेजे जाते हैं, फिर गलती से ट्रांसफर होने की बात कहकर पैसे वापस करने की बात कही जाती है। जैसे ही आप पैसे वापस करते हैं, तो आपका गूगल पे और फोनपे अकाउंट हैक हो जाता है। यह ह्यूमन इंजीनियरिंग और मैलवेयर का मिक्स है।

एंटी वायरस की पकड़ से बाहरः दरअसल जब कोई Google Pay या फिर PhonePe यूजर फंड को ट्रांसफर करता है, तो उसका पूरा डेटा जैसे बैंकिंग केवाईसी डॉक्यूमेंट, पैन, आधार कार्ड डिटेल ट्रांसफर हो जाती है। यह डॉक्यूमेंट किसी भी अकाउंट को हैक करने के लिए पर्याप्त होते हैं। इस तरह आप बैंक फ्राड का शिकार बन जाते हैं। एक्सपर्ट की मानें, तो ह्यूमन इंजीनियरिंग और मैलेवयर फिशिंग प्लस का मिक्स होने की वजह से एंटी मैलेवयर सॉफ्टवयेर नए मैलवेयर को नहीं पकड़ पाते हैं। इस तरह यह आसानी से गूगल पे और फोनपे सेफगार्ड को पार कर जाता है।

कैसे करें बचावः

  • गूगल पे और फोनपे यूजर्स को तब तक ऐसे गलत पेमेंट को ट्रांसफर नहीं करना चाहिए। ऐसे अमाउंट को तभी वापस करना चाहिए, जब आपकी संबंधित बैंक से कॉल आता है।
  • गूगलपे और फोनपे यूजर्स को इस मामले में नचदीकी पुलिस स्टेशन पर ऐसे किसी भी मामले की जानकारी देनी चाहिए।

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