दिल्ली डेस्कः दो साल के अंतराल के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत का पद भर गया है। लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी भारत में अमेरिका के नए राजदूत बन गए हैं। अमेरिकी सीनेट (संसद का अपर हाउस) ने एरिक गार्सेटी के नाम पर मुहर लगा दी है। आपको बता दें कि भारत में अमेरिकी राजदूत का पद पिछले दो साल से खाली था। ऐसा पहली बार हुआ है, जब यह पद इतने लंबे वक्त तक खाली रहा।
इसके पहले केनिथ जस्टर भारत में अमेरिका के आखिरी राजदूत थे, जिन्हें जनवरी 2021 में अमेरिकी सरकार ने वापस बुला लिया था। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गार्सेटी को नॉमिनेट किया था।
सीनेट से नामांकन की मंजूरी मिलने के बाद एरिक गार्सेटी ने कहा कि ये महत्वपूर्ण पद लंबे समय से खाली था और इसका भरना जरूरी था। मैं सीनेट के इस फैसले से काफी खुश हूं। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रपति जो बाइडन और व्हाइट हाउस का आभारी हूं और इस पद पर अपनी सेवा शुरू करने के लिए तैयार और उत्सुक हूं।
आपको बता दें कि भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने जनवरी 2021 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में अमेरिकी राजदूत के लिए एरिक गार्सेटी की नियुक्ति का ऐलान किया था। हालांकि, अमेरिकी संसद सीनेट में उनके नामांकन को लेकर वोटिंग नहीं हो पाई थी,क्योंकि संसद में सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के पास पर्याप्त समर्थन नहीं था।
कौन हैं गार्सेटीः लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी का जन्म 4 फरवरी 1971 को लॉस एंजिल्स में हुआ था। वह दो बार लॉस एंजिल्स के मेयर रह चुके हैं। मेयर से पहले वह 2006 से 2012 तक लॉस एंजिल्स सिटी काउंसिल के अध्यक्ष भी थे। गार्सेटी को बाइडेन का करीबी माना जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बाइडेन के इलेक्शन कैंपेन में काफी मदद की थी।
पिछले साल भी गार्सेटी को नॉमिनेट किया गया था, लेकिन उन्होंने लॉस एंजिल्स मेयर रहते हुए यौन शोषण करने वाले अपने ऑफिस स्टाफ पर कार्रवाई नहीं की थी। इसके चलते उन्हें राजदूत नियुक्त नहीं किया गया।
मई 2022 में सीनेट में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया था- गार्सेटी जानते थे कि उनके चीफ ऑफ स्टाफ रिक जेकब्स ने लॉस एंजिल्स की पुलिस ऑफिसर को सेक्शुअली हैरेस किया है। बावजूद इसके गार्सेटी ने जेकब्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
02 साल से भारत में अमेरिका का स्थायी राजदूत नहीं था। विशेषज्ञों का कहना था कि भारत जैसे अहम देश में स्थायी राजदूत के न होने से दोनों देशों के बीच रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। राजदूत को अहम मुद्दों पर स्थानीय नजरिए की समझ होती है, जिससे दोनों देशों के बीच विवादों के हल खोजने में मदद मिलती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों देशों के बीच राजदूत की कमी से कारोबार में दिक्कतें आती हैं। पॉलिसी आगे बढ़ने में बाधाएं इसी कारण आ रही हैं। अक्टूबर 2022 में अमेरिका ने ए एलिजाबेथ जोन्स को भारतीय दूतावास की अस्थायी प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया था। स्थायी राजदूत न होने से ये दौर अमेरिका-भारत संबंधों का सबसे अधिक उथल-पुथल वाला रहा है।
आपको बता दें कि गारसेटी क्लाइमेट मेयर्स नाम की संस्था के को-फाउंडर हैं। इस संस्था का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के एमीशन को कम करने का है। अमेरिका के सभी मेयर इसके सदस्य हैं। गारसेटी ने 400 मेयरों को पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट को अपनाने के लिए प्रेरित किया था। वे C40 सिटीज के चेयरमैन भी हैं। यह दुनिया के 97 सबसे बड़े शहरों का एक नेटवर्क है जो क्लाइमेट चेंज पर कड़े कदम उठाता है। इस संस्था दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, जयपुर और कोलकाता भी जुड़े हैं।