दिल्लीः रंगोत्सव का त्योहार होली होली आज देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है। लोग घरों मे, गलियों-मोहल्लों में, मंदिरों में, घाटों पर रंग-गुलाल उड़ा रहे हैं। बच्चे छतों की मुंडेर पर, घरों की बालकनी में पानी वाले गुब्बारे लेकर बैठे हैं। एक दूसरे को पिचकारी से रंग रहे हैं। देशभर से होली खेलने की शानदार तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं। लोग अपनों के बीच इस रंगों के त्योहार को जमकर सेलिब्रेट कर रहे हैं।
#WATCH | Delhi: US Secretary of Commerce Gina Raimondo participates in #Holi celebrations at the residence of Defence Minister Rajnath Singh. pic.twitter.com/Q4og4ypUfl
— ANI (@ANI) March 8, 2023
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न नेताओं ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रपति ने ट्विट कर कहा….
उल्लास और उमंग के पर्व होली की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
स्नेह और भाईचारे का यह त्योहार हमारे विविधतापूर्ण समाज के जीवंत रंगों और सौहार्द का प्रतीक है।
मेरी मंगल कामना है कि रंगों का यह महापर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व नई ऊर्जा का संचार करे।
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 8, 2023
वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट किया….
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसे।
Wishing you all a happy and colourful Holi!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2023
आपको बता दें कि इस साल होलिका दहन सोमवार और मंगलवार को हुआ। ऐसा इसलिए, क्योंकि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका पूजन की मान्यता है। पूर्णिमा 6 और 7 मार्च दोनों दिन है। 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को ऐसा ही हुआ था। तब भी पूर्णिमा तिथि दो दिन थी और सूर्यास्त के बाद शुरू होकर अगले दिन सूर्यास्त से पहले खत्म हो गई थी।
#WATCH | Uttar Pradesh: People celebrate #Holi at Kashi Vishwanath Temple Corridor in Varanasi. pic.twitter.com/djNO1nTjkD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 8, 2023
होली से जुड़ी मान्यताएं…
- बसंत ऋतु के आने पर मौसम सुहाना हो जाता है। इस वक्त न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा ठंड। ज्यादातर सभ्यताओं में आग और पानी से जुड़े पर्व वसंत के स्वागत में हैं। होली भी वसंत का रूप है। पुराने समय में रंग उड़ाकर इस ऋतु के आने पर उत्सव मनाते थे। इसलिए इसे वसंतोत्सव भी कहते हैं।
- फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को कश्यप ऋषि के द्वारा अनुसूया के गर्भ से चंद्रमा का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर चंद्रमा की विशेष पूजा और अर्घ्य देने का विधान बताया गया है। फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से रोग नाश होता है। इस त्योहार पर पानी में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
- समुद्र मंथन के दौरान फाल्गुन पूर्णिमा पर महालक्ष्मी अवतरित हुई थीं। यही कारण है कि लक्ष्मी जयंती फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है। लक्ष्मी जयंती के दिन को काफी शुभ माना जाता है, इस दिन किसी भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है।
- पुराने समय में फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर फसलें पक जाती थीं। तब उत्सव मनाते थे। ये परंपरा आज भी है। होली के वक्त खासतौर पर गेहूं की फसल पक जाती है।
- इस फसल के पकने की खुशी में होली मनाने की परंपरा है। इसलिए किसान जलती हुई होली में नई फसल का कुछ हिस्सा चढ़ाते हैं और खुशियां मनाते हैं। होली की आग में इसलिए डालते हैं क्योंकि आग के जरीये ही वो भगवान तक पहुंचती है। इसे यज्ञ की तरह माना गया है।