बालीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय जी-20 बैठक में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया में हैं। पीएम मोदी मंगलवार को यहां भारतीय मूल के लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें संबोधित करते हुए अपनी सरकार के कामकाज गिनाए। इस दौरान उन्होंने इंडोनेशिया और भारत के सांस्कृतिक जुड़ाव के तमाम पहलुओं का जिक्र किया। गुजरात में विधानसभा चुनाव के बीच 45 घंटे की यात्रा पर गए पीएम मोदी ने बाली से ही अपने गृहराज्य को भी साधने की कोशिश की। पीएम मोदी ने पतंग उत्सव से लेकर द्वारकाधीश तक का जिक्र किया। तो चलिए एक नजर डालते हैं पीएम मोदी के गुजरात एंगल पर…

  • प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में संक्राति के मौके पर होने वाले पतंग उत्सव का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”जब मैं यहां पिछली बार जकार्ता में था तो इंडोनेशिया के लोगों का स्नेह बहुत करीब से देखा था, महसूस किया था। राष्ट्रपति जोको विडोडो जी के साथ पतंग उड़ाने में जो मजा आया था, वो अद्भुत था। मेरी तो गुजरात में संक्रांति पर पतंग उड़ाने की बड़ी ट्रेनिंग रही है।”
  • पीएम मोदी ने कहा कि बाली का जन जन महाभारत की गाथाओं के साथ बड़ा होता है और मैं तो द्वारकाधीश भगवान कृष्ण की धरती गुजरात से पला-बढ़ा हूं, मेरा तो जीवन वहीं बीता हुआ है। बाली के लोगों की जैसी आस्था महाभारत के लिए है, भारत में लोगों की वैसी आत्मीयता बाली के लोगों के लिए भी है। आप यहां भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और हम जब भारत में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर की नींव रखते हैं तो इंडोनेशिया की रामायण परंपरा को भी गर्व से याद करते हैं।
  • पीएम मोदी ने योग और आयुर्वेद की बात करते हुए कहा, ”भारत का योग और आयुर्वेद पूरी मानवता के लिए तोहफा है। जब आर्युवेद की बात आई है तो मुझे भारत और इंडोनेशिया के एक और जुड़ाव का ध्यान आ रहा है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो गुजरात आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी और यहां की हिंदू इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी के बीच समझौता हुआ था। मुझे खुशी है कि इसके कुछ ही वर्षों के बाद यहां की यूनिवर्सिटी में आर्युवेद हॉस्पिटल की भी स्थापना हुई।” बाली में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जिसकी अभिलाषा जीवन में एक बार अयोध्या या द्वारकाधीश जाने की नहीं होगी।

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