स्पोर्ट्स डेस्कः हार से एशिया कप 2022 में अपने सफर का आगाज करने वाली श्रीलंका की टीम ने अभियान का अंत जीत के साथ किया। किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि टूर्नामेंट के पहले ही मैच में 105 रन पर ढेर होने वाली श्रीलंका की टीम टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय कर लेगी और छठी बार खिताब जीतने में भी कामयाब हो जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ। श्रीलंका ने ऐसा कर दिखाया है और फाइनल में पाकिस्तान को हराकर एशिया का छठी बार चैंपियन बना।

एशिया कप 2022 के पहले ही मैच में श्रीलंका को अफगानिस्तान ने 8 विकेट से मात दी। इसके बाद श्रीलंका ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार चार मैच जीतकर फाइनल तक का सफर तक किया। इस दौरान टीम ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भारत और पाकिस्तान को हराया।

आपको बता दें कि श्रीलंका को चैंपियन बनाने में किसी एक विशेष खिलाड़ी का योगदान नहीं रहा, बल्कि पूरी टीम ने टूर्नामेंट के दौरान साथ मिलकर काम किया और खिताब जीतने में कामयाब रही। चलिए आपको बताते हैं श्रीलंका के उन स्टार खिलाड़ियों के बारे में, जिनके प्रदर्शन से टीम छठी बार खिताब जीतने में कामयाब रही।

श्रीलंका की टीम एशिया कप के फाइनल तक पहुंचने में इसलिए कामयाब रही, क्योंकि टीम ने तीनों विभाग में जबरदस्त प्रदर्शन किया। गेंदबाजी की बात करें तो टीम के पांच गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में पांच या उससे अधिक चटकाए हैं। हसरंगा ने 6 मैचों में 9 विकेट झटके और टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बने। फाइनल मैच में उन्होंने अपने आखिरी ओवर में तीन विकेट झटककर श्रीलंका की जीत पक्की कर दी थी। हसरंगा के अलावा महीश तीक्षणा ने भी काफी अच्छा योगदान दिया। पावरप्ले के दौरान वह बल्लेबाजों को प्रेशर में डालने में कामयाब रहे थे। उन्होंने 6 मैचों में 6 विकेट लिए। इसके अलावा तेज गेंदबाज मधुशंका (6), मधुशान (6) और करुणारत्ने (7) विकेट लिए।
वहीं, एशिया कप 2022 में श्रीलंका की बल्लेबाजी काफी दमदार रही। ओपनिंग जोड़ी के दमदार प्रदर्शन के अलावा मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने भी काफी अच्छा योगदान दिया। श्रीलंका के भानुका राजपक्षे 6 मैचों में 191 रन बनाकर टीम के लिए टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने नाबाद 71 रनों की पारी खेली, जोकि उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी है। राजपक्षे के अलावा सलामी बल्लेबाज पथुम निसांका ने 6 मैचों में 173 रन बनाए। उन्होंने टूर्नामेंट में दो अर्धशतक लगाए। ओपनर कुसल मेंडिस का भी ये टूर्नामेंट शानदार रहा। उन्होंने 6 मैचों में 155 रन बनाए और दो अर्धशतक जड़े। कप्तान दसुन शनाका ने भी कई मैचों में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने टूर्नामेंट में 6 मैचों में 111 रन बनाए।

यह जीत सिर्फ श्रीलंका के क्रिकेट के लिए ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और राजनीतिक तौर पर भी काफी मायने रखती है। एक समय पांच विकेट 58 रन पर गंवाने के बाद भानुका राजपक्षे के 45 गेंद पर नाबाद 71 रन की मदद से श्रीलंका ने छह विकेट पर 170 रन बनाए।  राजपक्षे ने 45 गेंद में छह चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 71 और वानिंदु हसरंगा ने 21 गेंद में 36 रन बनाए। दोनों ने 58 रन की ताबड़तोड़ साझेदारी की जबकि एक समय पर श्रीलंका का स्कोर पांच विकेट पर 58 रन था। इसके बाद चमिका करूणारत्ने के साथ राजपक्षा ने 54 रन जोड़े और श्रीलंका को 160 के पार ले गए।

भानुका राजपक्षे को फाइनल में दमदार अर्धशतकीय पारी खेलने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच मिला, जबकि हसरंगा को 6 मैचों में 9 विकेट और बल्ले से 66 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।

 

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