विदेश डेस्क

प्रखर प्रहरी

जेनेवाः डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दक्षिण एशिया की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में वैश्विक महामारी कोरोना के बड़े पैमान पर फैलने का खतरा है। डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के कार्यकारी निदेशक माइकल रयान ने पांच मई को यह आशंका जाहिर की।

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि विशेष कर दक्षिण एशिया, सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि बंगलादेश, पाकिस्तान तथा अन्य दक्षिण एशियाई देशों में यह महामारी अभी बड़े पैमाने पर नहीं फैली है, लेकिन ऐसा होने का खतरा है। यह जैसे-जैसे उत्पन्न होती है और समुदायों में पैर जमाने लगती है, यह कभी भी गति पकड़ सकती है।  उन्होंने कहा कि भारत में प्रति सप्ताह कोरोना के मामलों में औसतन एक तिहाई बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए शायद मौजूदा समय में भारत में इस महामारी के दोगुना होने समय लगभग तीन सप्ताह है। यह महामारी की घातक दिशा में नहीं है, लेकिन यह अभी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में उठाये गये कदमों का निश्चित रूप से इसके प्रसार पर प्रभाव पड़ा, लेकिन भारत अन्य बड़े देशों की तरह अब खुल चुका है और लोगों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है। इसलिए वहां इस बीमारी के बढ़ने का खतरा है। 

उधर, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मेरा मानना है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके विकास दर और वायरस के दोहरीकरण समय का ध्यान रखें तथा सुनिश्चित करें कि स्थिति खराब न हो।जैसा कि भारत एक विविधता वाला और विशाल देश है, जहां बहुत घनी आबादी वाले शहर हैं। वहां फेस कवर पहनना जरूरी है।

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