दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शाम छह बजे देशवासियों को संबोधित किया है। कोरोना काल यानी पिछले 215 दिनों में मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन का यह सातवां कार्यक्रम था। बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले पहले चरण के मतदान से आठ दिन पहले 12 मिनट के अपने संबोधन में उन्होंने थोड़ी अपनी, थोड़ी सरकार की और फिर थोड़ी लोगों की की तारीफ की और लोगों से त्योहारों के मौसम में सावधानी बरतने की अपील की।

उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। आज को उनके संबोधन में कबीर भी आए और रामचरित मानस भी। साथ ही तीन धर्मों के छह त्योहारों यानी नवरात्रि, दशहरा, ईद, दीपावली, छठ पूजा और गुरुनानक जयंती का भी जिक्र किया।
मोदी के संबोधन की प्रमुख बातेः-
– मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है। समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हममें से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी धीरे-धीरे रौनक लौट रही है।
– उन्होंने कहा कि हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, पर वायरस नहीं गया है। बीते सात-आठ महीनों में हर भारतीय के प्रयास से भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में है, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।
– पीएम ने कहा कि आज देश में फैटेलिटी रेट कम है, रिकवरी रेट ज्यादा है। भारत में 10 लाख लोगों में मृत्यु दर 83 है। अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन जैसे देशों में ये आंकड़ा 600 के पार है। साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाने में सफल रहा है।
– उन्होंने कहा कि देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड्स उपलब्ध हैं। 12 हजार क्वारैंटाइन सेंटर्स हैं। कोरोना टेस्टिंग की दो हजार लैब काम कर रही हैं। देश में टेस्ट की संख्या जल्द ही 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।
– मोदी ने कहा कि सेवा परमो धर्म के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर,नर्स, हेल्थ वर्कर, सुरक्षाकर्मियों ने इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा की। इन सभी प्रयासों के बीच ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
– उन्होंने कहा कि अमेरिका हो या फिर यूरोप के दूसरे देश जहां कोरोना के मामले कम हो रहे थे। वहां अचानक बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। साथियों संत कबीर दास ने कहा है कि पकी खेती देखी के गर्व किया किसान, अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान। अर्थात कई बार हम पकी हुई फसल देखकर अति आत्मविश्वास से भर जाते हैं। लेकिन, फसल घर ना आ जाए तब तक काम पूरा नहीं मानना चाहिए। जब तक सफलता पूरी ना मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कमजोर नहीं पड़ना है।
– पीएम ने अपने संबोधन के दौरान रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि रामचरित मानस में शिक्षाप्रद बातें हैं और चेतावनियां भी हैं। इसमें कहा गया है कि रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि। यानी आग, शत्रु, पाप यानी गलती और बीमारी को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। जब तक इनका पूरा इलाज ना हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए। इसलिए याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
– उन्होंने कहा कि त्योहारों का समय हमारे जीवन में खुशियों और उल्लास का समय है। एक कठिन समय से आगे निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं। जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता दोनों साथ-साथ चलेंगे, तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। दो गज की दूरी, साबुन से हाथ धुलना, मास्क लगाना, इसका ध्यान रखिए।
उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि आप सबसे करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि आपको और आपके परिवार को सुरक्षित और सुखी देखना चाहता हूं। उत्साह और उमंग वाला वातावरण चाहता हूं। मैं इसीलिए बार-बार हर देशवासी से आग्रह करता हूं। स्ट्रीम लाइन मीडिया, सोशल मीडिया से आग्रह से कहता हूं कि आप जागरूकता लाने के लिए, इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन जागरण अभियान करेंगे, ये देश के लिए सेवा होगी। आप देश और कोटि-कोटि जनों का साथ दीजिए।
पीएम ने आखिर में देशवासियों को देशवासियों नवरात्रि, दशहरा, ईद, दीपावली, गुरुनानक जयंती और छठ की बधाई दी और कहा कि स्वस्थ रहिए, तेज गति से आगे बढ़िए और हम मिलकर देश को आगे बढ़ाएंगे।

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