Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः आज के ही 2009 में मालदीव ने जल में दुनिया की पहली कैबिनेट बैठक कर लोगों को ग्लोबल वार्मिंग यानी जलवायु परिवर्तन के प्रति आगाह किया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 17 अक्टूबर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं परः-

1806- हैती क्रांति के पूर्व नेता और हैती के सम्राट जैक्स प्रथम की हत्या की गई।
1870 – कलकत्ता बंदरगाह को एक संवैधानिक निकाय प्रबंधन के तहत लाया गया।
1878- जॉन ए मैकडॉनाल्ड पांच वर्ष तक सरकार में विपक्ष की भूमिका निभाने के बाद एक बार फिर कनाडा के प्रधानमंत्री चुने गए।
1888 – वैज्ञानिक थाॅमस अल्वा एडिसन ने ऑप्टिकल फोनोग्राफ के पेटेंट के लिए आवेदन किया।
1912 – बुल्गारिया, यूनान और सर्बिया ने ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई की घोषणा।
1917 – प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन ने पहली बार जर्मनी पर हवाई हमले किये।
1933 – प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन नाजी जर्मनी से अमेरिका चले गये।
1941 – द्वितीय विश्व युद्ध में पहली बार जर्मनी की पनडुब्बी ने एक अमेरिकी पोत पर हमला किया।
1979 – मदर टेरेसा को शांति के लिये नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
1998 – नाइजीरिया के जेसी शहर में एक पाइप लाइन विस्फोट में 1,082 लोगों की मौत हो गयी।
2003 – चीन ने अंतरिक्ष में एशिया के पहले और रूस के बाद तीसरे देश के रूप में अंतरिक्ष में मानव भेजने में सफलता प्राप्त की।
2009 – हिंद महासागर में स्थित मालदीव ने पानी के अंदर दुनिया की पहली कैबिनेट बैठक कर सभी देशों को ग्लोबल वार्मिंग (जलवायु परिवर्तन) के खतरे से आगाह करने की कोशिश की।
2013 – इराक में सिलसिलेवार हमले में 59 लोगों की मौत।

17 अक्टूबर को देश और दुनिया में जन्मे महत्वपूर्ण व्यक्तिः-
1917- अलीगढ़ ओरिएंटल कॉलेज के संस्थापकसर सैयद अहमद खाँ का जन्म हुआ।
1817- अमेरिका के प्रसिद्ध नाटककार आर्थर ऐशन मिलर का जन्म हुआ।
भारतीय ईसाई महिला संत सिस्टर यूप्रासिआ का जन्म 1877 में हुआ।
1936- प्रसिद्ध साहित्यकार दूधनाथ सिंह का जन्म हुआ।
1955- प्रसिद्ध अभिनेत्री स्मिता पाटिल का जन्म 1955 में हुआ।
1970- क्रिकेटर अनिल कुंबले का जन्म हुआ।
1970- श्रीलंकाई क्रिकेट टीम का प्रमुख बल्लेबाज रहे अरविंद डिसिल्वा का जन्म हुआ।

17 अक्टूबर को हुए महत्वपूर्ण व्यक्तियों के निधनः-
1605 – मुगल शासक अकबर का निधन हुआ।
1906-अत्यधिक व्यक्तिगत और काव्यात्मक ढंग से व्यावहारिक वेदांत को पढ़ाने के लिए विख्यात स्वामी रामतीर्थ का निधन हुआ।

 

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