संवाददाता

प्रखर प्रहरी

श्रीनगरः दशकों तक जम्मू-कश्मीर की राजनीति में  एक- दूसरे के धुर विरोधी रहे पीडीपी यानी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  और एनसी यानी नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी अनुच्छेद 370 की बहाली के नाम पर आज एक मंच पर आ गए।  दरअसल पिछले साल गुपकार डिक्लेरेशन पर दस्तखत करने वाले राजनीतिक दलों ने गुरुवार को कश्मीर में नए गठबंधन का ऐलान किया। इस गठबंधन का ऐलान एनसी चीफ फारूक अब्दुल्ला ने गुपकार रोड स्थित अपने आवास पर ऐलान किया। इस गठबंधन में शामिल राजनीतिक पार्टियों ने कहा कि इस गठबंधन का मकसद जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करना है यानी अनुच्छेद 370 की वापसी करना है।

आपको बता दें किपीडीपी, एनसी, कांग्रेस, सीपीएण, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, पैंथर्स पार्टी और जम्मू-कश्मीर अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित कई पार्टियों ने गुपकार डिक्लेरेशन पर दस्तखत किए थे। इसका मकसद जम्मू-कश्मीर विशेष दर्जा वापस दिए जाने और राज्य का संविधान लागू किए जाने के लिए हुआ था।

इस मौके पर फारूक अब्दुला ने कहा कि हमने इस अलायंस का नाम पीपुल्स अलायंस रखा है। यह अलायंस कानूनी दायरे में रहकर ये गठबंधन जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा वापस दिए जाने की संवैधानिक लड़ाई लड़ेगा। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार हमारी जनता को वह अधिकार वापस करे, जो पांच अगस्त 2019 से पहले मिले हुए थे।

इससे पहले नवंबर 2018 में पीडीपी की अगुआई में गठबंधन बना था। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस भी शामिल थे। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लगभग तीन साल से पीडीपी तथा बीजेपी गठबंधन की सरकार चल रही थी, लेकिन बीजेपी ने जून 2018 में पीडीपी से रिश्ता तोड़ लिया था। इसके पांच महीने बाद तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भी भंग कर दी थी, लेकिन उनके इस फैसले से आधे घंटे पहले पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन की बात कही थी। उन्होंने चिट्ठी में लिखा था कि उनके साथ 56 विधायक हैं, लेकिन राजभवन ने महबूबा का फैक्स प्राप्त होने से इनकार कर दिया था।

 

 

 

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