संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः एक साल दो महीना और नौ दिन यानी 436 दिन बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को नजरबंदी से मुक्ति मिल गई। उन्हें को मंगलवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया। इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने दी है। महबूबा को पिछले गत वर्ष पांच अगसत को अगस्त कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने तथा राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के पहले हिरासत में लिया गया था। इस तरह से वह एक साल, दो महीने और 9 दिन बाद हिरासत से रिहा हुई हैं।
Ms. Mehbooba Mufti being released @dipr
— Rohit Kansal (@kansalrohit69) October 13, 2020
4 अगस्त 2019 को नजरबंद हुई थीं महबूबा
महबूबा को जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने तथा राज्य को जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख नाम से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के एक दिन पहले 4 अगस्त 2019 की रात को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद से ही वह नजरबंद थीं। 6 फरवरी को हिरासत की अवधि समाप्त होने से पहले ही महबूबा पर पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर नजरबंदी की अवधि बढ़ा दी गई थी।
पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 में महबूबा को हिरासत में लिया गया था
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छे 370 को समाप्त किए जाने के पहले जम्मू-कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 लागू कर दिया गया था। इसके तहत किसी को भी बिना ट्रायल के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। ापको बता दें कि पहले तो यह कानून लकड़ी की तस्करी करने वालों के खिलाफ बना था, लेकिन धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल अन्य आपराधिक मामलों में भी होने लगा। इसका विशेष इस्तेमाल तब किया गया, जब 2010 में जम्मू-कश्मीर में कई महीनों तक हालात खराब रहे।
चार बार महबूबा का नजरबंदी का स्थान बदला
पिछले आठ महीने में महबूबा को नजरबंद रखने का स्थान चार बार बदला गया था। उन्हें सबसे पहले श्रीनगर के हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया था। वहीं दूसरी बार चश्मा शाही इलाके में पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउस भेज दिया गया था। इसके बाद से उन्हें श्रीनगर के ही ट्रांसपोर्ट यार्ड के सरकारी क्वार्टर में रखा गया था। चौथी बार उन्हें अस्थाई जेल से किसी दूसरे स्थान पर भेजा गया।
फारूक और उमर अब्दुल्ला पहले ही हो चुके हैं रिहा
जम्मू-कश्मीर के बड़े नेताओं में महबूबा ही अकेली ऐसी नेता थीं, जिन्हें अभी तक नजरबंद रखा गया था। उनके साथ ही हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला पहले ही रिहा कर दिए गए हैं। फारूक अब्दुला जहां 15 मार्च को रिहा किया गया था। वहीं उमर को इसके 10 दिन बाद 25 मार्च को रिहा किया गया था।