संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वा 74 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में ुपचार जल रहा था। उनके पुत्र चिराग पासवान ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। चिराग ने ट्विटर पर अपने बचपन की तस्वीर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, “पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa…”

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया…


पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा…


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा…

वहीं नीतीश ने कहा…

पासवान का राजनीति सफर, 1969 में लड़ा था पहला चुनाव

पांच जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले एक गरीब और दलित परिवार में रामविलास पासवान का जन्म हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमए और पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी की उपाधि हासिल की थी।
– 1969 में पहली बार बिहार से राज्‍यसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीते।
– 1977 में छठी लोकसभा में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बने।
– 1982 में लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार जीते।
– 1983 में उहोंने दलित सेना का गठन किया तथा 1989 में नौवीं लोकसभा में तीसरी बार चुने गए।
– 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए।
– 2000 में पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जन शक्ति पार्टी का गठन किया। बाद वह यूपीए सरकार से जुड़ गए और रसायन एवं खाद्य मंत्री तथा इस्पात मंत्री बने।
– 2004 में लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी चुनाव जीते।
– 2010 में बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।

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