संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने बाबरी मस्जिद ढ़ाचा गिराये जाने के मामले में अदालत द्वारा बरी किए जाने पर खुशी जताई है। आपको बता दें कि लखनऊ में सीबीआई यानी केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढांचा गिराये जाने के मामले में आज दोनों नेताओं का बरी कर दिया।
आडवाणी ने 27 पृथ्वीराज रोड स्थित अपने निवास पर टेलीविजन पर सीबीआई की अदालत के फैसले की जानकारी हासिल की। इसके बाद इन्होंने अपने बयान में कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में विशेष अदालत के महत्वपूर्ण निर्णय का तहेदिल से स्वागत करते हैं। यह निर्णय रामजन्म भूमि आंदोलन को लेकर उनके निजी और बीजेपी के विश्वास एवं प्रतिबद्धता को प्रमाणित करता है। उन्हाेंने कहा कि वह इस बात से अभिभूत हैं कि यह सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2019 के निर्णय के बाद एक और महत्वपूर्ण निर्णय है। यह अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर को देखने के स्वप्न के साकार होने का मार्ग प्रशस्त हो करता है, जिसकी आधारशिला पांच अगस्त 2020 को रखी गई। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं, नेताओं, संतों और उन सब लोगों का आभारी हूं जिनके निस्वार्थ याेगदान एवं बलिदान ने अयोध्या आंदोलन के दौरान मुझे ताकत एवं समर्थन दिया।”
उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत में उनके मुकदमे की पैरवी करने के लिए अपने वकील महिपाल आहलूवालिया एवं उनकी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि करोड़ों देशवासियों के साथ वह अयोध्या में भव्य एवं सुंदर श्रीराम मंदिर के पूर्ण होने की कामना करते हैं। वहीं इस मामले के एक अन्य मुख्य आरोपी डॉ. जोशी ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा , “इससे प्रमाणित हुआ है कि छह दिसम्बर की अयोध्या की घटना में कोई षड्यंत्र नहीं था । हमारा कार्यक्रम और रैली षड्यंत्र का हिस्सा नहीं था। सभी लोग राम मंदिर के निर्माण को लेकर अब उत्साहित हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिउ विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवानी, श्री मुरली मनोहर जोशी, श्री कल्याण सिंह , सुश्री उमा भारती समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का वह स्वागत करते हैं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है ।