दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः भारी हंगामे के बीच 20 सितंबर को राज्यसभा में कृषि सुधारों से संबंधित दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020’ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020’विधेयक ध्वनिमत से पास हो गया। अब राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून बन जाएंगे।
इससे पहले इन दोनों विधेयकों पर मतदान के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने वेल में जाकर जमकर नारेबाजी की। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने तो उपसभापति हरिवंश प्रसाद सिंह का माइक तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने सदन की रूल बुक फाड़ दी। हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत कराने और सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ा। भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू होने पर वोटिंग प्रक्रिया शुरू हुई और सरकार ने हंगामे के बीच ही दोनों विधेयकों को पास करा लिया।
एमएसपी तथा सरकारी खरीदारी पहले की तरह जारी रहेगीः मोदी
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों विधेयकों के राज्यसभा से पास होने पर खुशी जताई। उन्होंने सिलसिलेवार आठ ट्वीट कर किसानों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट किसानों को एक बार फिर से भरोसा दिलाया कि एमएसपी और सरकारी खरीददारी पहले की तरह जारी रहेगी।
इन दोनों विधेयकों का संबंधन एमएसपी से नहींः तोमर
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन के पटल पर विधेयक रखते हुए कहा कि ये दोनों विधेयक ऐतिहासिक हैं। इनसे किसानों की जिंदगी बदल जाएगी। किसान देशभर में कहीं भी अपना अनाज बेच सकेंगे। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि बिलों का संबंध न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नहीं है।
मोदी बना रहे हैं किसानों को गुलामः राहुल
कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी किसानों के डेथ वॉरंट पर साइन नहीं करेंगे। राहुल गांधी ने भी ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा।