एस. सिंहदेव, दिल्ली
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भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 50 लाख के करीब पहुंच गई है। मरने वालों की संख्या भी एक लाख के करीब पहुंचने वाली है। लॉकडाउन खुल गया है और प्रतिबंधों में मिली सशर्त छूट का लोग बेजा फायदा उठाने लगे हैं। इसके कारण कोरोना संक्रण के मामलों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। हां, यह सही है कि हमारे यहां रिकवरी रेट भी अच्छी है, लेकिन इसके आधार पर हमें बेवजह जोखिम उठाने से बचना चाहिए।

लोग नहीं बरत रहे एहतियात, सरकार कर सकती है सख्ती पर विचार  

सरकार ने अनलॉक-4 के साथ ही ज्यादातर सार्वजनिक कामों में सशर्त छूट दे दी है। वह लगातार विभिन्न मुद्दों पर एडवाइजरी जारी कर लोगों से एहतियात बरतने की अपील कर रही है। लेकिन, सवाल उठता है कि क्या सरकार का काम सिर्फ एडवाइजरी जारी करना है। बाजार व दुकान खुल गए हैं। सब्जी मंडियों और मछली बाजार की भीड़ डराने लगी है। सब्जी व मछली बेचने वाले बिना मास्क के घूम रहे हैं। पुलिस सामने खड़ी रहती है, लेकिन कुछ नहीं कहती। मास्क के लिए टोकने पर लोग लड़ने के लिए उतारू हो जा रहे हैं। इसके कारण कोरोना संक्रमितों के आंकड़े लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। मजबूरन सरकार एक बार फिर सख्ती पर विचार कर सकती है।

मास्क वही पहनें जो कारगर हो, दिखावे के लिए नहीं 

बाजार में दस रुपये में मास्क मिलने शुरू हो गए हैं। कपड़े का कोई स्टैंडर नहीं है। जिसे जो भी कपड़ा मिल रहा है, उसका मास्क बना दे रहा है। जबकि, कोरोना वायरस को रोकने में ये मास्क कतई कारगर नहीं हैं। जब भी आप मास्क खरीदें तो उसकी प्रतिरोधी ताकत की जांच जरूर कर लें। यह देख लें कि उससे होकर हवा बाहर जा रही है अथवा नहीं। अगर हवा बाहर जा रही है तो खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि एक एमएम के एक लाखवां हिस्सा जितना वायरस कैसे रुकेगा।

खुद बचें, परिवार और देश को भी बचाएं

कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीर बनें। ऐसे में जबकि दफ्तर और व्यावसायिक संस्थान खुल चुके हैं और वहां कर्मचारियों की उपस्थिति भी पूरी हो रही है, ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। घर में एक व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के बाद पूरे परिवार के कोरोना संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसलिए, कोरोना से खुद को बचाएं ताकि आपका परिवार और देश बचा रहे।

 

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