बिजनेस डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सरकार वाहन उद्योग के लिए जल्द ही प्रोत्साहन की घोषणा करेगी, लेकिन जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर में कटौती की मांग पर तत्काल सहमत होना संभव नहीं है। यह बातें वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन ‘सियाम’ के 60वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रकाश जावडेकर ने चार सितंबर को कही। उन्होंने कहा “सरकार हर सुझाव पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है। हम हमेशा आपसे संवाद करते रहते हैं। हम जीएसी घटाने के बारे में तत्काल सहमत नहीं हो सकते, लेकिन इसका मतलब “अंतिम ना” भी नहीं है।”

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के उद्योग के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार कर रहा है और वाहन उद्योग को भी जल्द शुभ समाचार सुनने को मिलेगा। प्रोत्साहन पैकेज में सबसे पहले दुपहिया, तिपहिया और यात्री बसों को स्थान मिलेगा तथा इसके बाद यात्री वाहनों यानी कारों, उपयोगी वाहनों और वैनों पर भी विचार संभव है। उनहोंने जीएसटी की दरों में कटौती के बारे में वह वाहन उद्योग की मांग से वह वित्त मंत्री को अवगत करा देंगे।

उन्होंने कहा “आप जीएसटी में स्थाई कटौती की मांग नहीं कर रहे हैं, आप कुछ समय के लिए राहत चाहते हैं। मैं वित्त मंत्री के साथ इस पर चर्चा करूंगा। जीएसटी परिषद् को इस पर फैसला करना होगा जो सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को ध्यान में रखकर निर्णय करता है। मुझे उम्मीद है कि सर्वसम्मति से कोई फैसला संभव होगा।”

सीआईआई यानी भारतीय उद्योग परिसंघ  के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि सरकार को त्योहारों के मौसम में मांग बढ़ाने के उपाय करने चाहिए। साथ ही कुछ राज्यों में अचानक लॉकडाउन लगा देने से कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को कलपुर्जों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए  अन्यथा मांग आने के बावजूद उस अनुपात में उत्पादन नहीं हो सकेगा। उन्होंने मध्यम अवधि में बड़े पैमाने पर और बेहतर सड़कों तथा अन्य बुनियादी ढांचों के निर्माण की माँग की।

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