दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपये का जुर्माना लगा है। भूषण को यह राशि 15 सितंबर तक भरना है। यदि इस अवधि के दौरान वह इस राशि को नहीं भरते हैं, तो उन्हें तीन  महीने की जेल होगी और तीन साल तक वकालत पर रोक लगा दी जाएगी।  कोर्ट ने इस मामले में आज अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बोलने की आजादी को दबाया नहीं जा सकता, लेकिन दूसरों के अधिकारों का सम्मान भी जरूरी है।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को ट्विटर भूषण की दो टिप्पणियों को लेकर उन्हें दोषी ठहराया था। भूषण ने प्रशांत भूषण ने 27 जून को ट्विटर पर लिखा था कि इतिहासकार भारत में पिछले छह साल के इतिहास को देखते हैं, तो पाते हैं कि बिना आपातकाल के देश में किस तरह से लोकतंत्र को खत्म किया गया। ये इतिहासकार सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एसए बोबडे तथा चार पूर्व चीफ जस्टिसों पर सवाल उठाएंगे। वहीं 29 जून को उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस एसए बोबडे पर टिप्पणी करते हुए लिखा, ” सीजेआई ने बिना मास्क या हेलमेट पहने नागपुर में एक बीजेपी नेता की 50 लाख रुपये की मोटर साइकिल की सवारी की। उन्होंने यह सवारी ऐसे समय में की जब वह कोर्ट को लॉकडाउन मोड पर रखते हैं और नागरिकों को न्याय पाने के उसे उनके मौलिक अधिकार से वंचित करते हैं।”

कोर्ट ने इस मामले में भूषण को पिछले सप्ताह बिना शर्त माफी मांगने की मौका भी दिया, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया। भूषण ने कहा था कि यदि वह माफी मांगते हैं, तो यह उनकी अंतरात्मा और अवमानना होगी।

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