दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट से माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने 24 अगस्त को कोर्ट से माफी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट और उसके चीफ जस्टिसों को लेकर की गई टिप्पणी के मामने में आज अपना लिखित बयान दाखिल किया। उन्होंने कहा कि अदालत की अवमानना मामले में वह बिना शर्त माफी नहीं मागेंगे, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया है।
उन्होंने कहा कि यदि वह माफी मांगते हैं तो यह उनकी अंतरात्मा की अवमानना होगी। उन्होंने कहा , “मेरे लिए इस संस्था यानी सुप्रीम कोर्ट की सेवा करना और सार्वजनिक हितों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों को इसके समक्ष लाना सौभाग्य की बात रहा है। मैं इस अहसास के साथ जीता हूं कि मैंने जितना दिया है उससे कहीं अधिक इस संस्था से पाया है। मेरे मन में सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था के लिए बहुत सम्मान है। मैं विश्वास करता हूं कि मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए कोर्ट अंतिम गढ़ है।”
इसे लोकतांत्रिक दुनिया में सबसे शक्तिशाली कोर्ट सही अर्थों में ही कहा गया है। यह दुनियाभर के कोर्टों के लिए अक्सर उदाहरण पेश करता है।”