दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ उपजे विवाद का समाधान बातचीत नहीं नहीं होता है, तो सैन्य विकल्प भी खुला है।

उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत से इस विवाद को निपटाना चाहती है, लेकिन यदि किसी वजह से एलएसी पर हालात सामान्य करने में कामयाब नहीं हो पाएं, तो ऐसी स्थिति में सेना हर वक्त तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य संबंधित लोग लद्दाख में एलएसी पर पहले जैसी स्थिति बहाल करने के सभी विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने इंटेलीजेंस एजेंसियों में समन्यव की कमी की बातों को खारिज करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों के बीच लगातार बातचीत होती रहती है। उन्होंने बताया कि मल्टी एजेंसी सेंटर की रोज मीटिंग होती है। हम सीमा पर अपने इलाकों में 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं।

एनएसए डोभाल से बातचीत के दौरान चीन लद्दाख की गलवान घाटी की विवादित इलाकों से पीछे हटने पर राजी हो गया था। इसके पहले चरण में पीछे भी हटा, लेकिन अब वह कई इलाकों में फिर से अड़ियल रवैया अपना रहा है। इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की कई राउंड बातचीत हुई है, लेकिन इसके बावजूद भी चीन लद्दाख में फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा से अपने सैनिक पीछे नहीं हटा रहा।

आपको बता दें कि लद्दा की गलवान घाटी में 15 जून को हुई भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान चीन के लगभग 35 सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है यानी उसने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात नहीं मानी है।

 

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