संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कांग्रेस के लिए आज बदलाव का दिन है। वैसे तो बदलाव प्रकृति का नियम है, लेकिन कांग्रेस इस बदलाव से डरी-सहमी हुई है। दिल्ली में आज सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होने वाली है, लेकिन इस बैठक से पहले पार्टी में खींचतान जारी है। पार्टी का एक गुट  पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक बार फिर से दल की कमान उन्हें सौंपना चाहता है। इसको लेकर सोशल मीडिया और चिट्ठियों के सहारे माहौल बना रहा है।

आज आज होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले पार्टी दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में सामूहिक नेतृत्व की जरूरत पर जोर दिया है और कहा है कि कांग्रेस को एक ऐसा पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलना चाहिए जो जमीन पर सक्रिय हो। इन नेताओं ने कहा कि नया अध्यक्ष कांग्रेस मुख्यालय एवं प्रदेश कांग्रेस समितियों के मुख्यालय में भी उपलब्ध हो। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और अश्विनी कुमार ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पुरजोर समर्थन किया है।

पार्टी  नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी, शशि थरूर और हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा विरोधी खेमे में नजर आ रहे हैं। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने वाले पार्टी के कुछ नेताओं के कदमों का विरोध किया है और कहा है कि इस तरह का मुद्दा उठाने के लिए यह ठीक समय नहीं है। कैप्टन सिंह ने कहा कि पार्टी को को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो केवल कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि समूची पार्टी, समस्त कार्यकर्ताओं और देश के लिए स्वीकार्य हो और गांधी परिवार इस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

कांग्रेस के भीतर यह पूरा बवंडर सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले शुरू हुआ। कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि आज होने वाली इस बैठक में सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर सकती हैं। हालांकि कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया ने अभी तक ऐसा कोई इरादा नहीं जताया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी सीधे तौर पर राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी के इस्तीफा देने की स्थिति में पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, एके एंटनी या फिर मुकुल वासनिक को अंतरिम अध्यक्ष बना सकती है और कोरोना काल की समाप्ति के पूर्ण सत्र को बुलाकर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी कर सकती है।

 

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