दिल्ली डेस्क

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवकों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने गैर राजपत्रित पदों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों की नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक सुधार किया है। सरकार ने इसके लिए एनआरए यानी राष्ट्रीय भर्ती एजेन्सी का गठन करने का निर्णय लिया है, जो इन नौकरियों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन करेगी।
पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। केन्द्रीय कार्मिक एवं पेंशन मामलों के मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने बैठक के बाद इस बात की जानकारी दी। उन्होने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में सुधार-युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगा। सरकार ने रोजगार के इच्छुक उम्मीदवारों की सुविधा के लिए क्रांतिकारी और रोजगार के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किया है। इससे भर्ती चयन प्रक्रिया और प्लेसमेंट की प्रक्रिया बेहद आसान हो जायेगी। इससे निम्न वर्ग के उम्मीदवारों को विशेष रूप से फायदा होगा।

उन्होंने बताया कि सरकार ने एनआरए के लिए 1517.57 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। यह राशि तीन वर्ष के लिए स्वीकृत की गई है। इस राशि का इस्तेमाल एनआरए के गठन के अलावा 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए किया जायेगा। एनआरए गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) उम्‍मीदवारों के लिए अलग से सीईटी यानी संयुक्त प्रवेश परीक्षा का संचालन करेगा। अभी इन पदों पर एसएससी यानी कर्मचारी चयन आयोग रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है। सीईटी के अंक स्‍तर पर की गई स्‍क्रीनिंग के आधार पर भर्ती के लिए अंतिम चयन पृथक विशे‍षीकृत टियर (II, III इत्यादि) परीक्षा के माध्‍यम से किया जाएगा जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो  प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियां करते हैं।

वर्तमान समय में सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्‍मीदवारों को पात्रता की समान शर्तों वाले विभिन्‍न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित परीक्षा देनी पड़ती हैं। उम्‍मीदवारों को भिन्‍न-भिन्‍न भर्ती एजेंसियों को शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्‍मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं। औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। ये उम्मीदवार एक संयुक्त योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि एनआरए अभी 12 भाषाओं में परीक्षा का आयोजन करेगा और सीईटी स्कोर तीन वर्षों के लिए वैध होगा तथा अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी। उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्‍त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्‍मीदवार का अंतिम स्कोर माना जाएगा। परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के तहत होगी उम्‍मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्‍या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा, अजजा, अपिव तथा अन्‍य श्रेणियों के उम्‍मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी।

प्रारंभ में स्कोर का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। कुछ समय बाद केन्द्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां भी इसे अपनायेंगी।  इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इसे अपना सकती हैं। इस प्रकार, दीर्घकाल में सीईटी के प्राप्तांक को केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों केन्द्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। इससे ऐसे संगठनों को भर्ती पर आने वाली लागत और समय की बचत करने में सहायता होगी।
    
  

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