विदेश डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः देश में फेसबुक और व्हाट्सअप्प पर नियंत्रण को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी सियासी घमासान के बीच फेसबुक ने इस बारे में सफाई दी है। फेसबुक ने 17 अगस्त को इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि दुनियाभर में हमारी नीतियां एक जैसी हैं। हम बिना किसी की राजनीतिक हैसियत/पार्टी देखे बिना घृणा फैलाने वाले भाषण और कंटेंट को बैन करते हैं। हम निष्पक्षता और सटीकता के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके लिए नियमित ऑडिट करते हैं।

फेसबुक से संबंधित क्या है विवाद…
अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। अखबार दावा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी नेताओं और कुछ समूहों के ‘हेट स्पीच’वाली पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने में जानबूझकर कोताही बरती। उन्हें जल्द नहीं हटाया। अखबार ने कहा है कि भारत में फेसबुक की पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास ने बीजेपी नेता टी राजा सिंह के खिलाफ फेसबुक के हेट स्पीच नियमों को लागू करने का विरोध किया था। उन्हें इस बात का डर था कि इससे कंपनी के संबंध बीजेपी से खराब सकते हैं, जिससे फेसबुक को भारत में कारोबार में नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहीं नहीं अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि आंखी दास ने चुनाव प्रचार में बीजेपी की मदद भी की।

आपको बता दें कि कांग्रेस ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर इस मामले की जांच जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय कमेटी से कराने की मांग की है। टी राजा तेलंगाना से बीजेपी विधायक हैं। उन पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगते रहे हैं।

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