दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विभिन्न क्षेत्रों के क्रान्तिकारियों के अमर बलिदान की घटनाओं को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने पर बल दिया है और कहा कि इतिहास के सम्पूर्ण प्रामाणिक यथार्थ से युवा पीढ़ी को परिचित होना चाहिए। उन्होंने यह बातें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आईएनए ट्रस्ट के सहायक सदस्य डॉ कल्याण कुमार डे की पुस्तक ‘नेताजी इंडियाज इंडिपेंडेंस एण्ड ब्रिटिश आर्काइव्स’ के लोकार्पण के मौके पर कही।

उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान नेताजी की महत्वपूर्ण भूमिका से सम्बन्धित प्रमाणिक दस्तावेजों का संकलन है जिससे युवा पीढ़ी को परिचित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान नेताजी का साहसी और ओजस्वी नेतृत्व युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत था। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में शामिल दस्तावेजों से प्रमाणित होता है कि नेता जी के आजाद हिन्द फौज के गठन तथा जनता में उसकी बढ़ती लोकप्रियता से अंग्रेज़ घबरा गए थे। भारत की स्वतंत्रता में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही।

इस मौके पर उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नेताजी के जीवन संघर्ष से प्रेरणा ले कर उसका अनुसरण करें और नया भारत बनाने में अपनी भूमिका का योगदान दें। उन्होंने कहा कि नेता जी का दृढ़ विश्वास था कि महान राष्ट्र अपनी नियति स्वयं बनाते हैं। यही विश्वास उन्होंने जनता में भी जगाया। नेता जी को भारत की सभ्यतागत सांस्कृतिक विरासत पर विश्वास था। उनका मानना था कि हम सबसे पहले भारतीय हैं, धर्म, जाति, भाषा और क्षेत्र की पहचाने गौण हैं।

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