दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पैतृक सम्पत्ति पर बेटे के समान बेटी का भी हक है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिन्दू अविभाजित परिवार की पैतृक सम्पत्ति में बेटी का भी बेटे की तरह बराबर का अधिकार होगा। कोर्ट ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के लागू होने के पहले उसके पिता की मृत्यु क्यों न हो गई हो। इसके बावजूद भी पिता की सम्पत्ति में बेटी का बेटे की तरह ही अधिकार होगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता बेंच ने 11 फरवरी को हिन्दू उत्तराधिकार कानून 2005 में किये गये संशोधन की व्याख्या करते हुए कहा कि यदि कानून संशोधन से पहले भी किसी पिता की मृत्यु हो गई हो तब भी उसकी बेटियों को उसकी सम्पत्ति में बराबर हिस्सा मिलेगा। जस्टिस मिश्रा ने अपने फैसले में कहा कि एक बेटी जीवनभर के लिए प्यारी बेटी होती है। इसीलिए उसे पिता की सम्पत्ति में पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा, “वन्स ए डॉटर, ऑलवेज ए डॉटर।”
आपको बता दें कि 2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून 1956 में संशोधन किया गया था। इसके तहत पैतृक संपत्ति में बेटियों को बराबर का हिस्सा देने की बात कही गई थी। श्रेणी-एक की कानूनी वारिस होने के नाते संपत्ति पर बेटी का बेटे जितना हक है। शादी से इसका कोई लेना-देना नहीं है।