दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज कहा कि सब राम के हैं और सबमें राम हैं। अयोध्या मे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की भूमि पूजा के बाद डॉ.भागवत ने लोगों को संबोधित करते हुए लोगों से भगवान श्री राम के आदर्शों पर आधारित सबको जोड़ने वाले, ऊपर उठाने वाले, सबकी उन्नति करने वाले तथा सबको अपना मानने वाले धर्म की ध्वजा को अपने कंधे पर लेकर संपूर्ण विश्व को सुख-शांति देने वाले भारत का निर्माण करने की अपील की ।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण के साथ ही लोगों को अपना मन भी अयोध्या की तरह बनाना है।इस मौके पर उन्होंने अशोक सिंघल और लालकृष्ण आडवाणी को याद करते हुए कहा कि ‘इसके लिए कई लोगों ने बलिदान दिया है। यदि अशोक जी आज यहां होते, तो कितना अच्छा होता। महंत परमहंस रामदास जी अगर आज होते तो कितना अच्छा होता। आज हम सबके लिए आनंद का क्षण है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन संघ के सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने कहा था कि बहुत लग के 20 से 30 साल काम करना पड़ेगा। तब कभी ये काम होगा और यही हुआ। 30वें साल के प्रारंभ में हमको संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है।
डॉ. भागवत ने कहा कि यह अधिष्ठान आध्यात्मिक दृष्टि का है। सारे जगत में अपने को और अपने में सारे जगत को देखने की भारत की दृष्टि का। इस मंदिर के निर्माण के साथ ही देश में एकता और विश्व के नेतृत्व के प्रतीक की स्थापना हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘जितना हो सके, सबको साथ लेकर चलने की विधि जो बनती है, उसका अनुष्ठान आज बन रहा है। उन्होंने कहा कि परमवैभव संपन्न और सबका कल्याण करने वाले भारत के निर्माण का शुभारंभ उनके हाथ से हो रहा है जो इस व्यवस्था के प्रमुख हैं। उन्होंने ने कहा कि ‘सब राम के हैं और सबमें राम है, इसलिए यहां मंदिर बनेगा। उन्होंने कहा कि ‘मंदिर निर्माण के लिए सबमें दायित्व बांटे गए हैं और जिम्मेदार लोग अपना काम कर रहे हैं लेकिन हमें भी अपना दायित्व पूरा करना है।