दिल्ली डेस्क
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः देश में साल 2018 की गणना के अनुसार बाघों की संख्या 2,967 बाघ हैं। दुनिया के 70 फीसदी बाघ भारत में हैं। यह जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि देश में बाघों की संख्या में प्रति वर्ष छह प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि चार में से तीन भौगोलिक क्षेत्रों में वर्ष 2006 की तुलना में बाघों की संख्या 2018 में दोगुने से अधिक हो गई है।

उन्होंने बाघों की संख्या पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि बाघों की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि हमारी प्रकृति ठीक है। उन्होंने बताया कि देश में 500 शेर, 30 हजार हाथी और एक सींग वाले तीन हजार गैंडे भी हैं जो हमारी ‘सॉफ्ट पावर’ के प्रतीक हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जो इलाके वर्ष 2006 से लगातार हर बाघ सर्वेक्षण का हिस्सा रहे हैं, उनमें बाघों की संख्या सालाना छह प्रतिशत की दर से बढ़ी है। शिवालिक की पहाड़ियों और गंगा के मैदानी भागों में बाघों की संख्या इन 12 वर्षों में 297 से बढ़कर 646 हो गई है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में यह 402 से बढ़कर 981 और पूर्वोत्तर के पहाड़ों तथा ब्रह्मपुत्र नदी के मैदानी इलाकों में 100 से बढ़कर 219 हो गई है। इस तरह से इन तीनों क्षेत्रों में बाघों की संख्या दुगुने से अधिक हुई है। मध्य भारत और पूर्वी घाट में इनकी संख्या 601 से बढ़कर 1,033 पर पहुँच गई है।

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