दिल्ली डेस्क
प्खर प्रहरी
दिल्लीः चुनाव आयोग ने कोरोना के संकट के बीच चुनाव कराने को लेकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों से सुझाव मांगे हैं। आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से पूछा है कि महामारी के बीच चुनाव प्रचार और जनसभाओं का तरीका क्या होना चाहिए। आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को 31 जुलाई तक अपना सुझाव भेजने को कहा है।

आयोग ने पूछा है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 के तहत गाइडलाइंस जारी की हैं। आयोग ने पूछा है कि पब्लिक प्लेस पर मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना,सार्वजनिक जगहों पर थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन भी जरूरी है, ऐसे में चुनाव प्रचार कैसे किया जाए?

आपको बता दें कि राजद के साथ कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, सीपीआई (एमएल), आरएलएसपी, वीआईपी, हम (से) और एलजेडी ने वर्चुअल प्रचार के प्रस्ताव का विरोध किया है। इन पार्टियों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण के हालात पर चिंता जताई है। राजनीतिक पार्टियों ने अपने पत्र में कहा है कि बिहार के 13 करोड़ लोगों में 7.5 करोड़ वोटर हैं, जिनके बीच दो गज की दूरी तय करनी होगी। ऐसे में आयोग बिहार के लोगों को यह भरोसा दिलाए कि पूरी चुनाव प्रक्रिया कोरोना विस्फोट की वजह नहीं बनेगी। इस पत्र में कहा गया कि बिहार में सिर्फ 34% लोगों के पास ही स्मार्ट फोन हैं। ऐसे में वर्चुअल चुनाव प्रचार का कोई मतलब नहीं।

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