दिल्लीः नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हुआ हादसा भारतीय रेलवे की बदइंतजामी का नतीजा था। इस हादसे में 14 महिलाओं और चार पुरुषों की मौत हो गई। इन 18 लोगों की जान नहीं गई होती, यदि रेलवे की ओर से सीढ़ियों पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए होते। हादसे वाले दिन प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के इंतजाम नदारद थे। यहां तक कि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे वाली जगह पर पुलिस की मुस्तैदी न के बराबर थी।
सीट पाने की होड़ में मची भगदड़ः यात्रियों के मुताबिक जिस जगह पर हादसा हुआ है वहां 12 फीट चौड़ी सीढ़ी है। इसमें रेलिंग होने पर हादसे से बचा जा सकता था। रेलिंग नहीं होने की वजह से आने जाने वाले यात्रियों को निकलने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं, फुटओवर ब्रिज पर रेलिंग होने से यात्रियों को आने जाने में उतनी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। ट्रेन में पहले सीट पाने की होड़ में लोग भाग रहे थे। उन्हें यह भी होश नहीं था कि वह किस पर लात रखकर आगे निकल रहे हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी भीड़ को काबू करने के लिए रेलवे पुलिस की ओर से इंतजाम क्यों नहीं किए गए। सभी जानते हैं कि प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने के लिए लोग लगातार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जा रहे हैं। इसको लेकर लोगों ने अपने टिकट भी बुक करवाए थे। इस बात की जानकारी रेलवे को भी थी। बावजूद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए। बताया जा रहा है कि क्षमता से ज्यादा टिकट भी काटे गए, जिससे भीड़ बढ़ी।
इंतजाम पर्याप्त नहीं, लेकिन हर घंटे काटे गये 1500 टिकटः नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसा यात्रियों की भीड़ बढ़ने से हुआ। दिल्ली पुलिस की ट्रांसपोर्ट रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त विजय सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि तय सीमा से ज्यादा टिकट दिए जा रहे हैं। इससे स्टेशन व ट्रेन में काफी लोग पहुंच रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने रेलवे को पत्र लिखकर सीमित मात्रा में ही टिकट जारी करने के लिए कहा है। दिल्ली पुलिस ने रेलवे से जल्दी से जल्दी रिपोर्ट देने को कहा है।
जवाबदेही किसकीः
- स्टेशन पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के पर्याप्त बल क्यों नहीं मौजूद थे।
- रेलवे प्रशासन को पहले से इस बात का आभास होना चाहिए था कि यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है, फिर इंतजाम पुख्ता क्यों नहीं किए।
- यात्रियों की भीड़ शाम से बढ़ना शुरू हो गई थी। उसको देखते हुए अधिकारियों को सूचना देकर अतिरिक्त सुरक्षा बल क्यों नहीं मंगवाए।
- जीआरपी जो दिल्ली पुलिस की ही एक शाखा है उसके अधिकारियों ने आसपास के थानों या पुलिस लाइन में मौजूद बटालियन के जवान क्यों नहीं बुलवाए।
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की क्षमता से अतिरिक्त संख्या में यात्रियों की भीड़ दिखाई देने के बावजूद प्रवेश द्वार बंद क्यों नहीं किए गए।
- यात्रियों को सुव्यवस्थित ढंग से प्लेटफॉर्म तक पहुंचाने के लिए दिशा-निर्देशों और सुरक्षा उपायों का पालन क्यों नहीं किया गया।
- हादसे के 24 घंटे बाद ही किसी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, कोई तो होगा हादसे का जिम्मेदार।
- जीआरपी के पुलिस अधिकारी कहां थे, भीड़ को देखते हुए वह अलर्ट क्यों नहीं हुए।