दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी। बतौर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह लगातार 8वां बजट है। उम्मीद की जा रही है कि सीतारमण बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। मसलन इनकम टैक्स के स्लैब की बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर सकती हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि केंद्रीय वित्त मंत्री आगामी बजट के दौरान कौन-कौन सी घोषणा कर सकती हैं।
सस्ता-महंगा: एक्साइज ड्यूटी में कटौती से पेट्रोल और डीजल की कीमतें घट सकती है। अभी पेट्रोल पर 19.90 रुपए और डीजल पर 15.80 रुपए ड्यूटी लगती है।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े पार्ट्स की इम्पोर्ट ड्यूटी घट सकती है। अभी इस पर 20% ड्यूटी लगती है। इससे मोबाइल जैसे आइटम सस्ते हो सकते हैं।
गोल्ड-सिल्वर पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है। अभी इस पर 6% ड्यूटी लगती है। इससे सोना-चांदी के दाम बढ़ सकते हैं।
आपको बता दें कि कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने सरकार से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती की सिफारिश की है। CII एक उद्योग संगठन है। इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े पार्ट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटने से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की लागत में कमी आएगी। इससे उनको बूस्ट मिलेगा। सरकार मेक इन इंडिया के तहत इस तरह की छूट दे रही है।
केंद्र सरकार ने पिछले बजट में सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी 15% से घटाकर 6% कर दी थी। इसके तुरंत बाद अगस्त 2024 में सोने का सालाना आयात 104% बढ़कर 87 हजार करोड़ रुपए हो गया था। अब सरकार इम्पोर्ट को घटाना चाहती है ताकि व्यापार घाटा कम हो सके।
इनकम टैक्स: नए रिजीम के तहत 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम टैक्स-फ्री की जा सकती है। 15 लाख रुपए से 20 लाख रुपए के बीच की इनकम के लिए 25% का नया टैक्स ब्रैकेट लाया जा सकता है। अभी इसमें 6 टैक्स ब्रैकेट है। 15 लाख रुपए से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स लगता है। नए रिजीम के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है।
आपको बता दें कि सरकार चाहती है कि ज्यादातर लोग नए टैक्स रिजीम को अपनाएं। नई रिजीम पुरानी की तुलना में ज्यादा आसान है। इसमें दस्तावेजों का झंझट नहीं है।
योजनाएं: पीएम किसान सम्मान निधि: सालाना 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए की जा सकती है। इस योजना में अभी 9.4 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3 किश्तों में 2-2 हजार रुपए ट्रांसफर किए जाते हैं। संसद की स्थायी समिति ने किसान सम्मान निधि को बढ़ाकर 12,000 रुपए करने की सिफारिश की है।
आयुष्मान भारत योजना: इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है। अभी आर्थिक रूप से कमजोर और 70 साल से ज्यादा के बुजर्गों को इस योजना का फायदा मिलता है। इस योजना में 36 करोड़ से ज्यादा कार्ड बनाए जा चुके हैं। सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेहतर हेल्थ फैसिलिटी देना चाहती है।
अटल पेंशन योजना (APY): इस योजना के तहत मिलने वाली पेंशन राशि दोगुनी यानी, 10 हजार रुपए की जा सकती है। फिलहाल, मैक्सिमम मंथली पेंशन 5 हजार रुपए है। अभी तक इस योजना में 7 करोड़ से ज्यादा लोग रजिस्टर हो चुके हैं।
अटल पेंशन योजना (APY) 2015 में लॉन्च की गई थी। इसमें लंबे समय से कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।
नौकरी: सरकार ‘एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति’ ला सकती है। इसमें रोजगार देने वाली अलग-अलग मंत्रालयों की योजनाओं को एक छतरी के नीचे लाया जाएगा।
ग्रामीण इलाकों के सरकारी ऑफिसों में काम करने के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा हो सकती है। ये इंटर्नशिप केवल ग्रेजुएट युवाओं के लिए होगी। विदेशों में नौकरी दिलाने में मदद के लिए इंटरनेशनल मोबिलिटी अथॉरिटी बनाई जा सकती है।
स्किल बढ़ाने और रोजगार पैदा करने के लिए स्टार्टअप्स को सपोर्ट दिया जा सकता है।
इसकी पहली वजह यह है कि CII ने ‘एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति’ लाने की मांग की है। CII प्री बजट मीटिंग में अपने सजेशन सरकार के साथ शेयर करती है।
29 साल की औसत उम्र के साथ, भारत एक युवा देश है। इसलिए ग्रोथ के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने की जरूरत है।
हेल्थ: हेल्थ सेक्टर का बजट करीब 10% तक बढ़ाया जा सकता है। पिछले साल हेल्थ के लिए 90 हजार 958 करोड़ रुपए दिए गए थे। MRI जैसे चिकित्सा उपकरणों पर आयात शुल्क कम हो सकता है। अभी इस पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 7.5% से 10% के बीच है। अगले 5 साल में मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार सीटें जोड़ने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसका रोडमैप बजट में पेश किया जा सकता है।
सरकार इलाज के खर्च को कम करना चाहती है। कस्टम ड्यूटी घटने से चिकित्सा उपकरणों की कीमतें घटेंगी और जांचें सस्ती होंगी। देश के भीतर ही क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2024 में इसका ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि वो भारत को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाना चाहते हैं।
मकान: मेट्रो शहरों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग (सस्ते घर) प्राइस लिमिट 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 70 लाख रुपए की जा सकती है। यानी, अगर कोई 70 लाख रुपए तक का घर खरीदेगा तो उसे सरकारी योजना के तहत छूट मिलेगी। अन्य शहरों के लिए लिमिट 50 लाख रुपए की जा सकती है। होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर 05 लाख रुपए किया जा सकता है। अभी ये 02 लाख रुपए है।
भारत में 1.01 करोड़ सस्ते घरों की कमी है। ये कमी 2030 तक बढ़कर 3.12 करोड़ हो सकती है। रियल एस्टेट सेक्टर ने होम लोन के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की मांग की है।