संवाददाताः संतोष कुमार दुबे
दिल्लीः दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने रविवार को AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार किया और उन्हें सपनों का सौदागर बताते हुए दिल्लीवासियों के सामने झूठ परोसने का आरोप लगाया। उन्होंने सफाई कर्मचारियों को रियायती दर में जमीन देने को लेकर केजरीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखे जाने के मुद्दे पर कहा, ” केजरीवाल ने एक बार फिर से दिल्लीवासियों के सामने झूठ परोसने का काम किया है। उन्होंने आज आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को और हमारे सफाई कर्मचारियों को लक्षित किया है और कहा कि अगर केन्द्र सरकार जमीन दे दे, तो वह सेवानिवृत्त के बाद उन सभी को फ्लैट बनाकर देंगे।”
उन्होंने कहा, “2415 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र सरकार ने दिल्ली के आर्थिक रुप से कमजोर लोगों के लिए फ्लैट्स का निर्माण करवाया, लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दस साल में भी इनका लाभ गरीब जनता तक नहीं पहुंचने दिया।” उन्होंने बताया कि ये फ्लैट्स दिल्ली में गिरपुर, द्वारका, सुल्तानपुरी, बवाना, भलस्वा, बपरौला इत्यादी स्थानों पर बने हैं।
उन्होंने कहा,“फ्लैट बनकर तैयार हो गये, लेकिन केजरीवाल उस पूरी फाइल पर कब्जा करके बैठ गए और उन्होंने जिद पकड़ ली कि जब तक इसका नाम मुख्यमंत्री आवास योजना नहीं होगा, हम फ्लैट नहीं देंगे, जबकि आधे से अधिक पैसा केंद्र सरकार का हैं।”
सचदेवा ने कहा कि आज ये फ्लैट्स खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और यह इसलिए हुआ, क्योंकि केजरीवाल चाहते हैं कि उन फ्लैटों पर उनकी तस्वीर लगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने केजरीवाल से कहा था कि अपना पैसा वापस ले लीजिए। देश में चार करोड़ लोगों को निशुल्क या सस्ते घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए हैं, इसलिए केन्द्र दिल्ली में भी दे देगा, लेकिन उस पर भी केजरीवाल राजी नहीं हुए। बात जब फ्लैट्स की मरम्मत की आई, तो दिल्ली सरकार के संबंधित विभागों ने केजरीवाल से लगभग 220 करोड़ रुपये की राशि मांगी, लेकिन उन्होंने 2023 में एक लाख रुपये और फिर उसके बाद कह दिया कि राशि नहीं है। यह केजरीवाल की गरीबों के प्रति कथनी और करनी का अंतर है।
इस दौरान उन्होंने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा,“हिम्मत हो तो कल 20 जनवरी सुबह केजरीवाल मेरे साथ खंडहर हो गये फ्लैट्स देखने बवाना चलें।” उन्होंने कहा कि अपने अहंकार और जिद के कारण गरीबों को फायदा देने की जगह केजरीवाल अपना चेहरा चमकाने पर अड़े हुए हैं। रिठाला कॉरिडोर का भी उद्घाटन बहुत पहले भी हो जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया। प्रगति मैदान टनल में 20 फीसदी हिस्सा केजरीवाल सरकार को देना था, नहीं दिया। अपनी जिम्मेदारी से भागने वाले केजरीवाल हमेशा अपने नाम और चेहरे को चमकाने में लगे हुए हैं।