प्रयागराजः समुद्र मंथन के दौरान निकले कलश से छलकीं अमृत की चंद बूंदों से युगों पहले शुरू हुई कुंभ स्नान की परंपरा का सोमवार को आगाज हो गया है। विचारों, मतों, संस्कृतियों और परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। दुनिया के सबसे बड़े इस धार्मिक आयोजन 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। इसके लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट संभालना सबसे अहम है। दुनिया के हर बड़े आयोजनों की यातायात व्यवस्था का प्रेजेंटेशन देखने, हर देश के इंतजामों पर मंथन के बाद महाकुंभ का ट्रैफिक प्लान तैयार हुआ है।

यहां पर आने वाले लोगों की गाड़ियों को पार्क करने के लिए 130 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इनमें 10 लाख गाड़ियों को पार्क कराने की तैयारी है।फर्स्ट फेज में 5.50 लाख गाड़ियों के लिए बनी पार्किंग खोली जाएगी। वाहनों की संख्या बढ़ने और पार्किंग फुल होने पर साढ़े 4 लाख गाड़ियों को खड़ा करने की क्षमता वाली पार्किंग खोल दी जाएगी। पहले राउंड में 102 पार्किंग को खोला जाएगा। इसके बाद 28 इमरजेंसी पार्किंग में वाहन खड़े कराए जाने लगेंगे। सबसे अहम बात यह है कि स्नान पर्व के एक दिन पहले से और एक दिन बाद तक प्रयागराज शहर (प्रयागराज कमिश्नरेट और मेला क्षेत्र) ‘नो-व्हीकल जोन’ रहेगा।

चलिए अब आपको बताते हैं कि किस रूट से आने वाले लोग कैसे संगम क्षेत्र पहुंचेंगे…

लखनऊ-कानपुर मार्ग : लखनऊ मार्ग से श्रद्धालुओं के बड़े वाहन मालिक हरहर चौराहा (नवनिर्मित सिक्स लेन ब्रिज के नीचे) से सर्विस लेन होकर बेला कछार पार्किंग में गाड़ी पार्क करेंगे। यहां से श्रद्धालु पैदल पांटून पुल पारकर मेला क्षेत्र में बने स्नान घाटों पर स्नान कर सकेंगे।

प्रतापगढ़-अयोध्या मार्ग: इस मार्ग से आने वाले बड़े वाहनों को सिक्स लेन ब्रिज होकर बेला कछार पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। यहां से श्रद्धालु पैदल पीपा पुल पार करके मेला क्षेत्र में स्थित स्नान घाट में स्नान कर सकेंगे। बेला कछार पार्किंग भरने पर दूसरी पार्किंग में वाहनों को खड़ा किया जाएगा, जहां शटल बस की सुविधा रहेगी।

वाराणसी मार्ग: वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के बड़े वाहन हंडिया-प्रयागराज मार्ग वाया हनुमानगंज होकर मुख्य मार्ग पर दाहिनी ओर स्थित जनपदीय कान्हा मोटर्स पार्किंग (रिंग रोड के समीप) में पार्क किए जाएंगे। यहां से श्रद्धालु शटल बस से अंदावा चौराहे तक जा सकेंगे। इसके बाद पैदल ओल्ड जीटी रोड से होकर सेक्टर- 16 के घाट पर स्नान करेंगे।

मिर्जापुर मार्ग: श्रद्धालुओं के बड़े वाहनों को मिर्जापुर रोड स्थित रज्जू भइया विश्वविद्यालय से दाएं मुड़ना होगा। सरस्वती हाईटेक मार्ग होकर सरस्वती हाईटेक पश्चिमी पार्किंग में वाहनों को पार्क कराया जाएगा। यहां से श्रद्धालु पैदल चलकर सेक्टर- 24 और 25 यानी अरैल क्षेत्र के घाट पर स्नान करेंगे।

बांदा-चित्रकूट मार्ग: बांदा-चित्रकूट से आने वाले बड़े वाहनों को मामा-भांजा तिराहा बैरियर ड्यूटी प्वाइंट से दाएं मुड़ना होगा। वाहनों को चाका ग्राम गंगानगर (एफसीआई रोड) पार्किंग में पार्क कराया जाएगा। यहां से श्रद्धालु पैदल मल्हरा आरओबी नैनी होकर अरैल घाट पहुंचकर स्नान करेंगे।

कौशांबी मार्ग: कौशांबी मार्ग से आने वाले बड़े वाहन जीटी रोड स्थित नेहरू पार्क पार्किंग और एयरफोर्स मैदान पार्किंग में पार्क कराए जाएंगे। यहां से श्रद्धालु शटल बस से बालसन चौराहे तक आ सकेंगे। फिर बालसन चौराहा, जीटी जवाहर चौराहा, काली मार्ग रैंप होकर संगम तक जाएंगे। स्नान करके अक्षयवट होते हुए त्रिवेणी मार्ग से वापस आएंगे।

एक महीने तक दिया गया प्रशिक्षणः महाकुंभ के ट्रैफिक प्लान को लागू कराने में करीब 12 हजार पुलिसकर्मियों की टीम लगाई गई है। इनमें 60 अधिकारी हैं। ट्रैफिक संभालने से पहले एक महीने तक इन पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई। प्रजेंटेशन के जरिए इन्हें रूट समझाए गए।

महाकुंभ में चारों दिशाओं का ट्रैफिक प्लान अलग-अलग है। साथ ही प्रयागराज शहर-महाकुंभ क्षेत्र का ट्रैफिक प्रबंधन अलग रखा गया है। एमपी बॉर्डर यानी रीवा चाकघाट से प्रयागराज की सीमा में प्रवेश करते ही महाकुंभ का प्लान लागू हो जाएगा। प्रयागराज शहर में प्रवेश करते ही अलग प्लान पर गाड़ियों को आगे निकाला जाएगा। शहर के अलावा महाकुंभ क्षेत्र की तरफ बढ़ते ही ट्रैफिक प्लान अलग रूप ले लेगा। सामान्य दिनों और स्नान पर्व के दौरान अलग-अलग ट्रैफिक प्लान लागू होंगे।

 

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