कोलकाताः पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (CFSL) की एक रिपोर्ट में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। 12 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेमिनार रूम में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पता चले कि वहां पीड़ित से रेप के बाद हत्या की गई है।

रिपोर्ट के 12वें पेज की आखिरी लाइनों में लिखा है, जिस जगह ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, वहां संघर्ष का कोई सबूत नहीं मिला। जिस गद्दे पर शव था, उस पर भी किसी तरह की हाथापाई के निशान नहीं मिले हैं।

इस रिपोर्ट के आने के बाद अब ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर कहीं और हुआ था। गद्दे पर सिर और पेट के नीचे ही खून के निशान मिले थे, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शव कहीं और से लाया गया था।

आपको बता दें कि 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर हुआ था। मामले की जांच CBI कर रही है। मुख्य आरोपी संजय रॉय पुलिस की हिरासत में हैं। एजेंसी 7 अक्टूबर को ही स्पेशल CBI कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

इस मामले में 12 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें मर्डर से पहले रेप की पुष्टि की गई थी। साथ ही कहा गया था कि ट्रेनी डॉक्टर की गला घोंटकर हत्या की गई है। घटना सुबह 3 से 5 बजे की है।

वहीं, CBI ने 07 अक्टूबर को हाईकोर्ट में चार्जशीट दायर की, जिसमें संजय को रेप-मर्डर का एकमात्र आरोपी बताया था। संजय कोलकाता पुलिस के साथ सिविक वॉलंटियर के रूप में काम कर रहा था। एजेंसी ने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर का गैंगरेप नहीं हुआ था।

चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान, 12 पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट, CCTV फुटेज, फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल की कॉल डिटेल और लोकेशन शामिल रहीं। वारदात के दिन आरोपी का इयरफोन और मोबाइल ब्लूटूथ से कनेक्ट हो गया था। इसे भी अहम सबूत माना गया।

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पीड़ित के शरीर से मिला सीमन सैंपल और खून आरोपी से मैच हुआ। वहीं क्राइम सीन पर मिले छोटे बाल भी फोरेंसिक जांच के बाद आरोपी के बालों से मैच हुए।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया था कि सियालदह ट्रायल कोर्ट में सोमवार से गुरुवार तक, हर दिन सुनवाई चल रही है। अभियोजन पक्ष के 81 गवाहों में से 43 से पूछताछ की गई है। एक महीने के भीतर सुनवाई खत्म होने की उम्मीद है।

इस मामले में ट्रायल कोर्ट में 02 जनवरी और सुप्रीम कोर्ट में 17 मार्च को सुनवाई है। अगर 17 मार्च से पहले पीड़ित के पक्ष में केस से जुड़ा कोई बड़ा डेवलपमेंट नहीं हुआ, तो एडवोकेट करुणा नंदी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठा सकती हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस तीर्थंकर घोष ने भी CBI से 24 दिसंबर को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

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