संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

जयपुरः गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर के गांधीनगर स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। अमृत भारत रेलवे स्टेशन परियोजना के तहत इस स्टेशन को तीव्र गति से री-डेवलप किया जा रहा है। 212 करोड़ रुपये की लागत से  स्थानीय लोककला के अनुरूप पश्चिमोत्तर रेलवे के तहत आने वाले गांधीनगर जयपुर स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और जल्दी यहां पर आने वाले यात्रियों को वैश्विक सुविधाओं की अनुभूति होगी।

पश्चिमोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कैप्टन शशि किरण ने बताया, “आने वाले समय में इस स्टेशन पर यात्रियों को वैश्विक सुविधाओं की अनुभूति होगी।” उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिये यहां पर रूफ प्लाजा और एयर कनकोर्स का निर्माण किया जा रहा है। लिफ्ट, एस्कलेटर, एग्जीक्यूटिव लाउज, वेटिंग रूम, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, कैफेटेरिया जैसी सविधाएं तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले यात्रियों को गाड़ी पार्क करने के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जा रहा है। इसके लिए भूमिगत तल में दो मंजिला पार्किंग स्थल की व्यवस्था की जा रही है।

कैप्टन किरण ने बताया, “स्टेशन के पुनर्विकास के समय पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण रेनबाट हार्वेस्टिस जैसी धारणाओं का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।” उन्होंने उम्मीद जतायी की इस स्टेनशन री-डेवलपमेंट का काम मई 2025 तक पूरा हो जाएगा और इसके बाद यहां आने वाले यात्रियों वैश्विक सुविधाओं की अनुभूति उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि शॉपिंग कॉप्लेक्स में आने वाले लोग अगर स्टेशन के दूसरे छोर पर जाना चाहेंगे, तो उन्हें प्लेट फॉर्म टिकट की जरूरत नहीं होगी। ऐसे लोग एयर कॉनसोर्स के माध्यम से स्टेशन के एक छोर से दूसरे छोर बेहद आसानी से जा सकेंगे।

पश्चिमोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि स्टेशन पर दिव्यांग यात्रियों के लिए भी पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है। इस स्टेशन पर दिव्यांगजनों के अनुकूल हर सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। स्टेशन पर आठ लिफ्ट, चार एस्केलेटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस स्टेशन पर 37 गुणा 72 मीटर का रूप प्लाजा तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि शायद देश के अन्य किसी स्टेशन पर इतना चौड़ा रूप प्लाजा तैयार नहीं किया गया है।

कैप्टन शशि किरण ने बताया कि गांधीनगर जयपुर स्टेशन राजस्थान का पहला ऐसा स्टेशन बनने के लिए तैयार है, जिसको अमृत भारत रेलवे स्टेशन परियोजना के तहत री-डेवलप किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने एक रोचक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गांधीनगर जयपुर रेलवे स्टेशन भारत का एक मात्र रेलवे स्टेशन है, जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित होता है। टिकट काउंटर से लेकर हर काम यहां पर महिलाओं द्वारा संचालित होता है।

इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि जब इस स्टेशन पर सभी काम महिलाएं करती है, तो क्या इस स्टेशन पर मीराबाई, गायत्री देवी जैसी राज्य की वीरांगनाओं की झलक भी दिखाई देंगी। क्या उनकी स्मृतियों को समेटे हुए कोई निर्माण किया जा रहा है, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक तो इस बारे में कुछ सोचा नहीं गया था, लेकिन आप लोगों का सुझाव अच्छा है और हम यह जरूर कोशिश करेंगी कि इस स्टेशन पर ऐसे किसी चीज का निर्माण किया जाए, जो राज्य की वीरांगनाओं को समर्पित हो। उनकी याद को ताजा करे।

ऊर्जा खपत में कमी लाने के लिए गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास के समय इसकी इमारत को ग्रीन बिल्डिंग बनाया जा रहा है। साथ ही इसकी इमारतों को गुलाबी रंग दिया जाएगा। विल्डिग को शहर की समृद्ध विरासत की लोक संस्कृति और स्थानीय विशेषताओं जैसे जाली कार्य, मेहराब, गुंबद छतरी, झरीया,  बारादरी अलंकरण, पत्थरी की काशी आवरण आदि के सम्मिश्रण से किया जाएगा।

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