संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

जयपुरः यात्रियों को सुगम, तीव्र और पर्यावरण अनुकूल यातायात की सुविधा मुहैया कराने की दिशा में पश्चिमत्तर रेलवे तेजी से काम कर रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के ददिया में 6500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली रेलवे की चार परियोजनाओं की सौगात दी।

उन्होंने भजनलाल सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के मौके पर आयोजित समारोह में रेलवे की तीन परियोजनाओं की आधारशिला रखा और एक परियोजना का आभासी माध्यम में उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने रेलवे की जिन परियोजनाओं को लॉन्च किया, उनमें 131 किलोमीटर जयपुर-सवाई माधोपुर रेलमार्ग का दोहरीकरण, 178 किलोमीटर अजमेर-चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) रेलमार्ग का दोहरीकरण, 272 किलोमीटर तूनी समदड़ी भीलड़ी रेलमार्ग का दोहरीकरण और भीलड़ी-समदड़ी लूनी जोधपुर-मेड़ता रोड- डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग का विद्युतीकरण शामिल हैं।

पश्चिमोत्तर रेलवे की इन परियोजनाओं से राजस्था की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी, क्योंकि इससे देसी और विदेश पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। गुलाबी शहर के नाम से मशहूर जयपुर जहां आर्थिक, सामाजिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र है और यह भव्य किलाओं और खूबसूरती से लोगों को अपनी ओर आर्षित करता है, वहीं, सवाई माधोपुर रणथंभौर वन्य अभ्यारण के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां हर साल लाखों पर्यटक इस अभ्यारण की खूबसूरती को निरेखने के लिए आते हैं।

इसी तरह से अजमेर जहां व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र है और कपड़ा उद्योग के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, वहीं चितौड़गढ़ का किला और विजय स्तंभ चितौड़गढ़ की शौर्यता की आज भी गथा सुनाते हैं। इसे देखने के लिए हर साल लाखों देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं।

पश्चिमोत्तर रेलवे का लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग धार रेगिस्तान के किनारे बसे जोधपुर शहर को लूनी होते हुए जालौर को जोड़ता है। आपको बता दें कि जालौर एक आदिवासी बाहुल्य इलाका है और इस रेल मार्ग के दोहरीकरण का कार्य पूरा हो जाने पर इस इलाके के आदिवासियों को राज्य तथा देश के अन्य हिस्सों में तीव्र, सुगम और पर्यावण अनुकूल यातायात की सुविधा मुहैया होगी।

पश्चिमोत्तर रेलवे की मुताबिक वह शत प्रतिशत विद्युतीकरण की दिशा में काफी तेजी से काम कर रहा है। इसी कड़ी में भीलड़ी-समदड़ी लूनी जोधपुर-मेड़ता रोड- डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग का विद्युतीकरण काम किया जा रहा है। पश्चिमोत्तर रेलवे के अनुसार राजस्थान में 5700 किलोमीटर से अधिक रेल लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है, जो कि राज्य के कुल रेल नेटवर्क का 97 प्रतिशत हिस्सा है।

आपको बता दें कि भीलड़ी-समदही-लूनी- जोधपुर मेड़ता रोड-हेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग पश्चिमी राजस्थान को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। इस रेलमार्ग विद्युतीकरण होने से यात्रियों को पर्यावरण अनुकूल रेल यातायात की सुविधा मुहैया होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here