दिल्लीः इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान पहली बार गाजा का दौरा किया। नेतन्याहू 19 नवंबर को अचानक यहां इजरायली सैन्य ठिकानों पर पहुंचे। इस दौरान इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज भी उनके साथ थे।
उन्होंने इस दौरान इजरायल बंधकों को सौंपने वाले को 05 मिलियन डॉलर देने की भी पेशकश की। उन्होंने हमास के साथ किसी भी तरह के युद्ध विराम के प्रयासों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध खत्म होने के बाद हमास फिर कभी फिलिस्तीन पर हुकूमत नहीं करेगा।
नेतन्याहू ने कहा कि हमास वापस नहीं आएगा। इजरायल गाजा में लापता 101 इजरायली बंधकों की तलाश जारी रखेगा। जो कोई भी हमारे बंधकों को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत करेगा, वह अपनी मौत का खुद जिम्मेदार होगा। हम उन्हें खोजकर रहेंगे।
इजरायली सेना ने इस विजिट का वीडियो भी जारी किया है। नेतन्याहू युद्ध जैकेट और हेलमेट पहने दिख रहे हैं। इजराइली ने यह दौरा ऐसे वक्त किया जब ब्राजील में G20 समिट चल रही थी। समिट में गाजा को और ज्यादा मदद देने और युद्ध रोकने की अपील की गई।
आपको बता दें कि इजरायल और हमास जंग के बीच 13 महीने से जंग चल रहा है। 07 अक्टूबर 2023 को इसकी शुरुआत हुई थी। इससे हमास के सैकड़ों आतंकी गाजा पट्टी के रास्ते साउथ इजरायल में घुसकर और गाजा पट्टी से बड़े पैमाने पर रॉकेट दागकर हमला किया था। हमले में 12 से अधिक लोग मारे गए थे। इस दौरान हमास के लड़ाकों ने ढाई सौ से अधिक इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था। इस घटना के चंद घंटों बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।
इस जंग के शुरू होने के बाद से गाजा में 44 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। गाजा हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, ये गाजा की आबादी का करीब 2% है। इजराइली सेना के मुताबिक, इनमें 17 से 18 हजार हमास के लड़ाके थे। इजराइल और हमास के बीच शुरू हुई जंग अब बढ़ते-बढ़ते लेबनान और ईरान तक पहुंच गई।
संयुक्त राष्ट्री की ओर से जून में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में खाना जुटाना चुनौती बन गया है। यहां के 50,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हैं। गाजा का हेल्थ सिस्टम ध्वस्त हो चुका है।
इजरायल की बमबारी में गाजा के ज्यादातर अस्पताल तबाह हो चुके हैं। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की अप्रैल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि युद्ध से पहले यहां डायरिया के मामले 25 गुना बढ़े हैं। इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर से अब तक इजराइलियों ने फिलिस्तीनियों पर 01 हजार से ज्यादा हमले किए।