दिल्लीः खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में आरोपी विकास यादव ने अपनी जान को खतरा बताया है। उसने यहां कि एक अदालत में एप्लिकेशन दाखिल कर कहा है कि उसे सुनवाई के दौरान उपस्थित होने से छूट दी जाए।
विकास ने कहा है कि अब उसकी पहचान, उसके घर का पता और उसकी फोटोज दुनिया में उजागर हो गई हैं। ऐसे में उसकी जान को गंभीर खतरा है, इसलिए उसे सुनवाई के दौरान हाजिर से छूट दी जाए।
आपको बता दें कि अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने 18 अक्टूबर को विकास पर पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप तय किए थे। इसके अलावा उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगाए गए। FBI का कहना है कि विकास भारत की इंटेलिजेंस एजेंसी RAW से जुड़ा था। FBI ने पोस्टर जारी कर विकास यादव को मोस्ट वांटेड बताया था।
तो आइए जानते हैं कि विकास ने एप्लिकेशन में क्या-क्या वजह बताई है।
- विकास यादव ने अपनी याचिका में कहा, “मुझ पर लगे आरोप झूठे और निराधार हैं। मेरी निजी जानकारी जैसे पता, बैकग्राउंड और फोटो दुनियाभर में सर्कुलेट कर दिए गए हैं। ऐसे में बुरे लोगों से मेरी जान को गंभीर खतरा है।”
- विकास ने कहा, “दुश्मन मुझ पर लगातार नजर रख रहा है। वे लगातार मेरी खोज कर रहे हैं, हर जगह मेरी तलाश की जा रही है। सुरक्षा की खातिर मेरे पास छिपे रहने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।”
- पूर्व रॉ अफसर ने कहा, “जान पर खतरा लगातार बना हुआ है। अगर मैं कोर्ट में फिजिकली सुनवाई के लिए जाता हूं तो दुश्मनों को मुझे नुकसान पहुंचाने का मौका मिल जाएगा।”
- विकास ने कहा, “हालात देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होना भी खतरे से खाली नहीं है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर मेरी लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता है।”
आपको बता दें कि FBI ने चार्जशीट में कहा है कि विकास ने ही निखिल गुप्ता को इस साजिश में शामिल किया और निर्देश दिए, जिसमें पन्नू के बारे में पूरी जानकारी थी। इसमें पन्नू का एड्रेस, मोबाइल नंबर और रोजाना की हर एक गतिविधि शामिल थी।
इसके बाद ही गुप्ता ने पन्नू की हत्या के लिए एक अपराधी से संपर्क किया, जिसे उसने कॉन्ट्रैक्ट किलर समझा था। हालांकि वह असल में अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) का सीक्रेट एजेंट था। FBI का कहना है कि यादव ने इस हत्या के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपए) देने की योजना बनाई थी।
दिल्ली पुलिस ने गत वर्ष 18 दिसंबर को विकास यादव को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ दिल्ली के एक बिजनेसमैन ने हत्या के प्रयास और किडनैपिंग का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने विकास और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था। व्यापारी ने विकास और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संबंधों के बारे में भी बताया था। इस मामले में विकास को इस साल अप्रैल में जमानत मिल चुकी है।
बिजनेसमैन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर बताया था कि उसकी और विकास की मुलाकात नवंबर में हुई थी। खुद को एक सीनियर सरकारी अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने विकास से उसका परिचय करवाया था। इसके बाद विकास ने उसे बताया कि वह एक अंडरकवर एजेंट है। हालांकि उसने कभी अपने काम और ऑफिस के बारे में बिजनेसमैन को नहीं बताया। विकास ने 11 दिसंबर को उसे लोधी रोड बुलाया। जहां विकास और उसके एक साथी ने बिजनेसमैन को किडनैप कर लिया। वे उसे डिफेंस कॉलोनी इलाके के एक फ्लैट में ले गए।
यहां विकास ने उसे बताया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने उसे मारने की सुपारी दी है। उन्होंने उसके साथ मारपीट की और उसकी सोने की चेन, अंगूठिया और कैश छीन लिया। इसके बाद वे उसे सड़क किनारे छोड़कर भाग गए। विकास ने बिजनेसमैन को धमकाया था कि अगर उसने पुलिस में शिकायत दी तो अच्छा नहीं होगा।