मुंबईः महाराष्ट्र के यवतमाल में चुनाव आयोग के अधिकारी ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (UBT) के मुखिया उद्धव ठाकरे के बैग की तलाशी ली। उद्धव ठाकरे चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंचे थे और उनके यहां पहुंचने पर यवतमाल के वनी एयरपोर्ट पर चुनाव के अधिकारी ने उनका बैग चेक करने आए, जिसे लेकर उद्धव नाराज हो गए।

पूर्व सीएम ने अधिकारियों के बैग चेक करने का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियो में उद्धव अधिकारियों से मोदी-शाह के बैग चेक करने की मांग करते नजर आए। उन्होंने कहा, “मेरा बैग चेक कर लीजिए। चाहे तो मेरा यूरिन पॉट भी चेक कर लीजिए, लेकिन अब मुझे मोदी के बैग चेक करते हुए भी आप लोगों का वीडियो चाहिए। वहां आप अपनी पूंछ मत झुका देना। आपको जो खोल कर देखना है देख लीजिए। यह वीडियो मैं रिलीज कर रहा हूं। इसके बाद मैं आप लोगों को खोलूंगा।”

आइए अब आपको उद्धव और जांच अधिकारी के बीच की बातचीत को बताते हैं…

उद्धव: क्या नाम है आपका?
अधिकारी: मेरा नाम अमोल है।
उद्धव ठाकरे: कहां के रहने वाले हैं?
अधिकारी: अमरावती का रहने वाला हूं।
उद्धव: अमरावती का ठीक है..लेकिन अब तक किन-किन लोगों का अपने बैग चेक किया है? मुझ से पहले किन नेताओं का बैग चेक किया?
अधिकारी: इससे पहले किसी का नहीं किया, मुझे 04 महीने ही हुए हैं।.
उद्धव: 04 महीने में आपने एक भी बैग चेक नहीं किया। मैं ही पहला कस्टमर आपको मिला?
अधिकारी: नहीं साहब…ऐसी कोई बात नहीं है।
उद्धव: नहीं आप मेरा बैग चेक करिए, मैं आपको रोकूंगा नहीं। आप मेरा बैग चेक करते हुए बताओ कि क्या आपने अब तक मिंधे (एकनाथ शिंदे) का बैग चेक किया? क्या देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, मोदी, अमित शाह का बैग चेक किया?
अधिकारी: अब तक मौका नहीं मिला।
उद्धव: जब मोदी आएंगे तो उनका बैग चेक करते हुए वीडियो आप मुझे भेजिए। वहां आप अपनी पूछ मत झुका देना। मेरा यूरिन पॉट भी चेक करिए। फ्यूल की टंकी चेक करना चाहेंगे ?
अधिकारी: नहीं साहब।

चुनाव आयोग के अधिकारी द्वारा उद्धव ठाकरे का बैग चेक किये जाने को लेकर AAP सासंद संजय सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के अंदर किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि बाला साहेब ठाकरे की पार्टी के साथ कोई दुर्व्यव्हार कर सके, आज उस पार्टी के अगुआ उद्धव ठाकरे के साथ जिस तरह की बदसलूकी की गई, इसका सबक महाराष्ट्र की जनता सिखाएगी।

उन्होंने कहा, “क्या उद्धव ठाकरे को चुनाव प्रचार करने की इजाजत नहीं है? क्या वो अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं कर सकते? अमित शाह का हेलिकॉप्टर कभी चेक हुआ क्या? नरेंद्र मोदी का हेलिकॉप्टर कभी चेक हुआ क्या? आप विपक्षियों को दबाना चाहते हैं।”

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से INDIA गठबंधन को 30 और NDA को 17 सीटें मिलीं।। इनमें भाजपा को 9, शिवसेना को 07 और NCP को सिर्फ 01 सीट मिली थी। बीजेपी को 23 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव से NDA को 41 जबकि 2014 में 42 सीटें मिली थीं।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में भी अगर लोकसभा चुनाव जैसा ट्रेंड रहा तो बीजेपी को नुकसान होगा और पार्टी 60 सीटों के आसपास सिमटकर रह जाएगी। वहीं, विपक्षी गठबंधन के सर्वे में MVA को 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। बीजेपी के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा शिवसेना और NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ लोगों की सिम्पैथी है।

इससे पहले 2019 में BJP-शिवसेना गठबंधन था। BJP ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। बीजेपी -शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, लेकिन मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट।

देवेंद्र फड़नवीस ने 23 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर को ही दोनों ने इस्तीफा दे दिया।
28 नवंबर को शिवसेना (अविभाजित), NCP (अविभाजित) और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई।

इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) और NCP (अविभाजित) में फूट पड़ गई और ये दो पार्टियां चार धड़ों में बंट गई। फिर भी लोकसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को फायदा हुआ। अब इसी पृष्ठभूमि पर विधानसभा चुनाव भी हो रहा है।

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