स्टॉकहोमः इस साल केमिस्ट्री यानी रसायन का नोबेल प्राइज 03 वैज्ञानिकों को मिला है। इनमें अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड बेकर, जॉन जम्पर और ब्रिटिश वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस शामिल हैं।रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के मुताबिक, इस साल यह सम्मान तीन लोगों को दिया जाएगा। इस अवॉर्ड का आधा हिस्सा डेविड बेकर को कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा इसे संयुक्त रूप से डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी के लिए दिया जाएगा।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार को इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा गया है कि इस साल ये पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दो हिस्सों में दिए जाएंगे। इसकापहला हिस्सा डेविड बेकर को मिला है, जिन्होंने नई तरह के प्रोटीन के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया गया है। अकादमी के वक्तव्य के अनसुार वैज्ञानिक बेकर ने एक ऐसी विधि निकाली है जो वैज्ञानिकों को नियंत्रित दशाओं में प्रोटीन बनाने का अवसर देती है। वैज्ञानिक बेकर के अनुसंधान ने औषधियों विकास, एंजाइम इंजीनियरिंग और सिंथेटिक जीव विज्ञान में नए रास्ते दिखाए हैं।

वहीं, पुरस्कार का दूसरा हिस्सा डेमिस हसबिस और जॉन एम. जम्पर को प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी संबंधी उनके नवाचारों के लिए दिया गया है। उन्होंने एआई मॉडल बनाया जिसने प्रोटीन की जटिल संरचना को समझने में मदद मिली इससे पहले मंगलवार को भौतिकी क्षेत्र के लिए अवॉर्ड का एलान किया गया था। जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया गया था। इन्हें कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया गया था।
विज्ञापन

अमेरिका के सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के डेविड बेकर को “कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए” रसायन विज्ञान में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया, जबकि लंदन, यूके स्थित गूगल डीपमाइंड के डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को “प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी के लिए” पुरस्कार दिया गया।

रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष हेनर लिंके ने कहा, “इस साल मान्यता प्राप्त खोजों में से एक शानदार प्रोटीन के निर्माण से संबंधित है. दूसरी खोज 50 साल पुराने सपने को पूरा करने के बारे में है. उनके अमीनो एसिड अनुक्रमों से प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करना. इन दोनों खोजों से अपार संभावनाएं खुलती हैं.”

डेविड बेकर ने पूरी तरह से नए प्रोटीन डिजाइन करने की असाधारण उपलब्धि हासिल की है, जबकि डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर ने 50 साल पुरानी चुनौती को हल करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल विकसित किया है, जो प्रोटीन की जटिल त्रि-आयामी संरचनाओं की भविष्यवाणी करता है.

2003 में बेकर ने सफलतापूर्वक एक नया प्रोटीन तैयार किया. उसके बाद से उनके शोध समूह ने कई ऐसे अभिनव प्रोटीन बनाए हैं जिनका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन, नैनोमटेरियल और सेंसर में किया जा सकता है.

इस बीच, हसबिस और जम्पर की एआई-आधारित सफलता 2020 में अल्फाफोल्ड2 की शुरुआत के साथ आई. उनका मॉडल शोधकर्ताओं के पहचाने गए लगभग सभी 200 मिलियन प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी कर सकता है. ये एक ऐसी उपलब्धि थी, जिसे पहले असंभव माना जाता था.

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने एक बयान में कहा, “प्रोटीन के बिना जीवन संभव नहीं है. अब हम प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं और अपने स्वयं के प्रोटीन डिजाइन कर सकते हैं, जो मानव जाति के लिए सबसे बड़ा लाभ है.”

इससे पहले सोमवार को फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। दोनों को माइक्रो आरएनए की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2023 के नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मौंगी जी. बावेंडी, कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुईस ई. ब्रूस और नैनोक्रिस्टल टेक्नोलॉजी में काम करने वाले एलेक्सी आई. एकिमोव को दिया गया था। पुरस्कार ‘क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए के लिए दिया गया था।

वहीं, 2022 में रसायन के नोबेल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका के कैरोलिन बेरटोजी, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन (डेनमार्क) के मॉर्टेन मिएलडॉल और अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च सेंटर के के. बैरी शार्पलेस को दिया गया था। पुरस्कार क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए दिया गया था।

आपको बता दें कि चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई थी। इसका एलान सात अक्तटूबर यानी सोमवार को किया गया था। इसके बाद आठ अक्तूबर यानी मंगलवार को भौतिकी के नोबेल का एलान किया गया। इसके बाद आज यानी बुधवार को रसायन विज्ञान के नोबेल का एलान किया गया। अब गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा 14 अक्तूबर को की जाएगी।

इतनी मिलती है राशिः पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन विजेताओं को दिया जा सकता है। उन्हें पुरस्कार राशि साझा करनी होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here