मुंबईः अगर आपने होम लोन ले रखा है, तो उसकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को एमपीसी 51वीं बैठक में चर्चा के बाद इसे 6.5% पर बरकरार रखा गया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को तीन दिनों तक चली एमसीसी की बैठक के बाद यह एलान किया। एमपीसी के सभी सदस्यों ने बैठक में रुख को न्यूट्रल रखने पर सहमति दिखाई। आरबीआई एमपीसी के फैसले से यह बात साफ है कि फिलहाल आम लोगों के होम लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होने वाला।

केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अनुसार आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लचीले मौद्रिक नीति ढांचे ने 8 साल पूरे कर लिए हैं, यह एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने लगातार 10वीं बार बेंचमार्क ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लचीले मौद्रिक नीति ढांचे ने 8 साल पूरे कर लिए हैं, यह एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने लगातार 10वीं बार बेंचमार्क ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

आरबीआई ने सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025 के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। दास ने कहा, “अच्छे मानसून और पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण इस वर्ष के अंत में खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आएगी।” दास ने कहा कि प्रतिकूल आधार और खाद्य कीमतों में तेजी के कारण सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति में बड़ी उछाल आने की आशंका है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर पर यथास्थिति रखने के पक्ष में 5:1 से फैसला किया। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि भारतीय बैंकों के स्वास्थ्य मानदंड मजबूत बने हुए हैं। हालांकि, उन्होंने उपभोक्ता ऋण और क्रेडिट कार्ड बकाया के प्रति बैंकों को आगाह भी किया।

शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करने के बाद महात्मा गांधी की प्रसिद्ध उक्ति भी दोहराई। उन्होंने कहा, “when the method is good success is bound to come in the end” (अगर आपके काम करने का तरीका ठीक है तो सफलता को आपके पास आना ही पड़ता है)।

क्या है रेपो रेटः  रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर के यथावत रहने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। दास ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है।

मौजूदा स्थिति हालात के आधार पर चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने के अनुमान को कायम रखा गया है।’’ इसके साथ चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है। 7 अक्तूबर, 2024 से 9 अक्तूबर, 2024 तक चली एमपीसी की बैठक पर बाजार का ध्यान बना रहा। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछले नौ लगातार बैठकों से रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा था।

 

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