विदेश डेस्कः आज सात अक्टूबर है। एक साल पहले आज के दिन हमास और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ा था। आपको बता दें कि 07 अक्टूबर  2023 को हमास ने इजराइल की सीमा में घुस कर और गाजा पट्टी से बड़े पैमाने पर रॉकेट दागकर हमला किया था, जिसे कारण 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इस दौरान हमास के लड़ाकों ने करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजराइल ने गाजा में हमास के ठिकानों पर लगातार जवाबी कार्रवाई की है। अब तक इस युद्ध में 1200 इजराइली नागरिकों के अलावा हजारों हमास तथा अन्य सशस्त्र संगठनों के लड़ाके, 42 हजार से ज्यादा फलस्तीनी नागरिक और सैकड़ों इजराइली सैनिक मारे जा चुके हैं।

चलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि एक साल पहले इजराइल में क्या हुआ था? इजराइल-हमास युद्ध में अब तक क्या हुआ? दोनों पक्षों को कितना नुकसान हुआ है? युद्ध में कितने हथियारों का इस्तेमाल हुआ है? बंधक बनाए लोगों का क्या हुआ?

हमास ने 07 अक्टूबर 2023 को इस्राइल की अभेद्य मानी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था को तोड़ते हुए इसके इलाकों में हमला किया था। इस हमले में 1200 से ज्यादा इस्राइलियों की मौत हो गई थी। इस दौरान हमास लड़ाके करीब 250 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गए थे। 07 अक्टूबर के हमले के बाद इस्राइल ने हमास को जड़ से मिटाने का संकल्प लिया था। इसके लिए इस्राइली सेना ने गाजा में हवाई और जमीनी हमले शुरू कर किए। इस तरह से हमास और इस्राइल के बीच बीते एक साल से खूनी जंग जारी है। कई बार दोनों पक्षों में युद्धविराम को लेकर कोशिशें भी हुईं जो अंत में बेनतीजा साबित हुईं।

इजराइल-हमास के बीच जारी युद्ध को एक साल होने पर इस्राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक डेटा प्रकाशित किया है। इसमें इस्राइली सेना ने गाजा पट्टी, वेस्ट बैंक और लेबनान में अपने अभियानों की जानकारी, मारे गए हमास लड़ाकों की संख्या और हमले की जगहों की संख्या का जिक्र किया है।

इजराइल ने गाजा पट्टी में पिछले वर्ष 40,000 से अधिक ठिकानों पर बमबारी की। इसने 4,700 सुरंगों का पता लगाया और 1,000 रॉकेट लांचर स्थलों को नष्ट किया। युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक गाजा से इस्राइल में 13,200 रॉकेट दागे गए हैं। इस्राइली सेना ने बताया कि लेबनान से 12,400 रॉकेट दागे गए, जबकि सीरिया से 60, यमन से 180 और ईरान से 400 रॉकेट दागे गए। आईडीएफ ने कहा कि उसने लेबनान में 800 से ज्यादा लड़ाकों को मार गिराया है। जहां 4,900 ठिकानों पर हवाई हमले किए गए हैं तो वहीं लगभग 6,000 जमीनी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। पिछले एक साल में इस्राइल ने वेस्ट बैंक और जॉर्डन घाटी में 5,000 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

सेना ने यह भी बताया कहा कि उसने पिछले वर्ष गाजा के आठ लड़ाकू ब्रिगेड कमांडरों, लगभग 30 बटालियन कमांडरों और 165 कंपनी कमांडरों को मार गिराया।
42,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए

गाजा पट्टी में हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि गाजा में 42,000 फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं। गाजा में मारे गए लोगों में आम नागरिक और हमास के सदस्य दोनों शामिल हैं। रॉकेट मिसफायर के चलते भी हमास के कई सदस्यों की मौत हुई है।

गाजा में युद्ध तब शुरू हुआ जब फलस्तीनी हमास के लड़ाकों ने 07 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला किया। हमले के दौरान 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया। इजराइली सेना के आंकड़ों के अनुसार, हमास के कब्जे में अभी भी 100 से अधिक बंधक हैं।

इजराइली सेना ने कहा कि 07 अक्टूबर 2023 से अब तक 726 इस्राइली सैनिक मारे गए हैं। इनमें से 380 सैनिक 7 अक्तूबर के हमलों में मारे गए और 346 सैनिक 27 अक्तूबर 2023 से गाजा में शुरू हुई लड़ाई में मारे गए। अब तक घायल सैनिकों की संख्या 4,576 हो गई है। 56 सैनिक ऑपरेशन के दौरान हुईं दुर्घटनाओं के कारण मारे गए।

इस्राइली सेना ने कहा कि उसने युद्ध शुरू होने के बाद से 300,000 आरक्षित सैनिकों को भर्ती किया है। इनमें 82% पुरुष और 18% महिलाएं हैं और उनमें से लगभग आधे 20 से 29 वर्ष की आयु के हैं।

आपको बता दें कि गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद ईरान समर्थक सशस्त्र समूह भी इस्राइल से भिड़ गए। इसमें लेबनान का हिजबुल्ला, यमन का हूती और फलीस्तीन का इस्लामिक जिहाद संगठन शामिल था। इसी संघर्ष के बीच 31 जुलाई 2024 को हमास प्रमुख इस्माइल हनिया ईरान की राजधानी तेहरान में एक विस्फोट में मारा गया। हानिया ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान गया हुआ था। इस हमले के लिए हमास ने इस्राइल को दोषी ठहराया है, लेकिन उसने न तो इसमें शामिल होने की पुष्टि की है और न ही इनकार किया है।

इजराइल ने 28 सितंबर 2024 को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर व्यापक हमला किया, जिसमें कम से कम छह रिहायशी इमारतें नष्ट हो गईं और राजधानी में दहशत फैल गई। इस हमले में तीन दशकों से अधिक समय तक हिजबुल्ला का नेतृत्व करने वाला हसन नसरल्ला भी मारा गया। अगले दिन हिजबुल्ला ने उसकी मौत की पुष्टि की।

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