दिल्लीः जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार (16 अगस्त) को इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। चुनाव आयोग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 03 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 01 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। वहीं, हरियाणा की सभी 90 सीटों पर सिंगल फेज में 01 अक्टूबर को वोटिंग होगी। दोनों राज्यों के नतीजे 04 अक्टूबर को आएंगे।

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे। केंद्र शासित प्रदेश से संबंधित संविधान के अनुच्चे अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। CEC राजीव कुमार बोले- महाराष्ट्र में त्योहार की वजह से चुनाव बाद में होंगे। उन्होंने झारखंड का जिक्र नहीं किया। हरियाणा सरकार का कार्यकाल 03 नवंबर, महाराष्ट्र का 26 नवंबर और झारखंड का 05 जनवरी को खत्म हो रहा है।

फेज और सीट वाइज चुनावी शेड्यूल…

मुख्य चुनाव आयुक्त की मुख्य बातें…

  • मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, ‘थ्री जेंटलमेन आर बैक। लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। देशभर ने चुनाव का पर्व मनाया। लंबी कतारें दिखीं, बुजुर्ग, यूथ वोट डालने गए। लोकतंत्र का जीवित उदाहरण देश ने देखा।
  • उन्होंने कहा कि जो तस्वीर भारत ने दुनिया को दिखाई, वो चकित करने वाली थीं। जो चमक हमने देखी, वो बहुत दिन तक दिखाई देगी। जब भी कहीं दुनिया में चुनाव होंगे, आपको अपने देश की याद आएगी और हमारी ताकत की याद दिलाती रहेगी। जम्मू-कश्मीर में हमने जिनसे, राजनीतिक दलों से बात की, सबका मत था कि जल्द से जल्द चुनाव हों।
  • उन्होंने बताया कि आपको याद है कि मतदान केंद्र पर जो लंबी कतारें लगी थीं, वो जम्हूरियत की ताकत थी। उम्मीद और जम्हूरियत की झलक बताती है कि अवाम अपनी तकदीर खुद बदलना चाहते हैं। लोग चाहते हैं कि खुद देश का भविष्य बदलने का हिस्सा बने।
  • देशभर की 46 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव समय आने पर घोषित किए जाएंगे। वायनाड सीट पर प्राकृतिक आपदा के कारण अभी उपचुनाव नहीं हो सकता। वहां मतदान समय पर होगा।

जम्मू-कश्मीर में नयी सरकार का कार्यकाल 06 साल की जगह  अब 05 साल का होगा…
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने का आदेश दिया था। राज्य से अनुच्छेद 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया था। इसके बाद से यहां LG मनोज सिन्हा प्रशासक हैं। चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल का होगा।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर- आज बहुत खुशी का दिन है। देर से आए, लेकिन दुरुस्त आए। केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय संसद में एक बयान देता था, बाहर दूसरा। जम्मू-कश्मीर के लोग यहां अपनी सरकार की मांग कर रहे थे, ताकि वे अपने नुमाइंदों को चुन सकें। चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी डायरेक्शन दिया था।

नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख, उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर प्रशासन को फेरबदल का आदेश देने के लिए अधिकारियों को स्वतंत्रता दिवस पर बुलाना पड़ा। मुझे लगता है कि उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा।’
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महाराष्ट्र और झारखंड में भी इस साल चुनाव होने हैं…

महाराष्ट्रः महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा में बात नहीं बन पाई। 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।

मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी। बाद में वह भाजपा के साथ मिल गए। 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई। एक धड़ा शिंदे गुट और दूसरा उद्धव गुट का बना।

17 फरवरी, 2023 को चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा।

-2 जुलाई 2023 को अजित पवार NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हुए थे। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया था।

झारखंड: 2019 विधानसभा चुनाव में JMM, कांग्रेस और RJD ने महागठबंधन की सरकार बनाई
राज्य की 81 सदस्यों वाली विधानसभा में 2019 में चुनाव हुए थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत होती है।

वर्तमान में गठबंधन के पास 46 विधायक हैं। झामुमो के 26, कांग्रेस के 18, राजद का एक और CPI(ML) का एक MLA है। हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं राज्य की 7 विधानसभा सीटें खाली हैं।

31 जनवरी को झारखंड के CM हेमंत सोरेन जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने CM पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। 28 जून को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दी थी। इसके बाद चंपई सोरेन ने CM पद से इस्तीफा दिया था। 4 जुलाई को हेमंत ने तीसरी बार झारखंड के CM पद की शपथ ली थी।

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