दिल्लीः मौजूदा समय में भागम वाली जिंदगी में कार चलाते समय आराम और सुविधा बेहद जरूरी हो गए हैं। ऐसे में कार निर्माता कंपनिया कारों में एससीसी यानी ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल का इस्तेमाल कर रही हैं। आपको बता दें कि ACC कार में एक ऐसा फीचर है, जो न केवल कंफर्ट को बढ़ाता है, बल्कि ड्राइविंग एक्सपीरियंस को भी सुरक्षित और सुखद बनाता है। ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर केबिन के अंदर ड्राइवर और पैसेंजर के कंफर्ट, सेफ्टी, फ्यूल एफिसिएंसी और सुविधाओं को बढ़ा सकता है। ऐसे में आप अगर इन दिनों दिल्ली-लखनऊ गर्मी या ठंडे इलाकों में सर्दी से परेशान हैं और अपने लिए एक ऐसी कार खरीदने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें खुद ही तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता हो तो एसीसी वाले मॉडल पर विचार कर सकते हैं।
क्या है ACCः चलिए सबसे पहले आपको ACC यानी ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल फीचर के बारे में बताते हैं। एसीसी एक ऐसा सिस्टम है, जो कार के अंदर तापमान और आर्द्रता को खुद-ब-खुद नियंत्रित करता है। यह आपके द्वारा निर्धारित तापमान को बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनिंग, हीटिंग और फैन स्पीड को समायोजित करता है।
क्या हैं फायदेः कंफर्ट और कन्वीनियंस: ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल आपको अपनी पसंद का तापमान सेट करने की सुविधा देता है। सिस्टम तापमान और आर्द्रता को स्वचालित रूप से समायोजित करेगा, जिससे आपको बार-बार कंट्रोल्स को समायोजित करने की जरूरत नहीं होगी। यह खासकर लंबी यात्राओं पर या ट्रैफिक में फंसने पर काफी यूजफुल होता है।
सेफ्टी: ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल ड्राइवर का ध्यान भटकने से रोकता है। जब आप तापमान को समायोजित करने के लिए कंट्रोल्स का यूज कर रहे होते हैं तो आपका ध्यान सड़क से हट जाता है। एसीसी के साथ आप सड़क पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और सुरक्षित रूप से ड्राइव कर सकते हैं।
बेहतर माइलेज: ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल अनावश्यक एयर कंडीशनिंग या हीटिंग को रोककर माइलेज में सुधार कर सकता है। यह केवल तभी काम करता है, जब इसकी जरूरत होती है और इससे फ्यूल की बचत होती है।
साफ हवा: एसीसी कार के अंदर हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। यह धूल, पराग और अन्य एलर्जी को हवा से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे ड्राइवर और यात्रियों को सांस लेने में आसानी होती है।
ज्यादा सुविधा: कई ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, जो आपको कार के सामने और पीछे के लिए अलग-अलग तापमान सेट करने की इजाजत देता है। वहीं सन सेंसर धूप के संपर्क में आने पर ऑटोमैटिकली तापमान को समायोजित करता है।
नोटः आपको बता दें कि ACC यानी ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल के कुछ नुकसान भी हैं। यह थोड़ा महंगा हो सकता है और यह कुछ कारों में स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर नहीं आता है। इसके अलावा कुछ लोगों को एसीसी से निकली हवा बहुत ठंडी लग सकती है।