संवाददाताः संतोष कुमार दुबे

दिल्लीः में उप सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के 30वें सेना प्रमुख होंगे। वे 30 जून को अपराह्न में अगले सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल मनोज सी पांडे 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट द्विवेदी मौजूदा समय में उप सेना प्रमुख हैं और परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) और अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दी हैं।

आपको बता दें कि सरकार ने 25 मई को छठवें चरण के चुनाव के बाद 26 मई को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया था। इस वजह से वह 30 जून तक इस पद पर बने रहेंगे। इससे पहले वे 31 मई को रिटायर होने वाले थे। रक्षा मंत्रालय का कहना था कि आर्मी रूल्स, 1954 के नियम 16 ए (4) के तहत ये सेवा विस्तार दिया गया था।

जानें लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बारे मेंः लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 01 जुलाई 1964 को हुआ था। उन्हें 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। उन्हें करीब 40 साल का अनुभव है। अपनी लंबी और विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने कई कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल में काम किया है। लेफ्टिनेंट उपेंद्र द्विवेदी की कमांड नियुक्तियों में रेजिमेंट 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स, ब्रिगेड 26 सेक्टर असम राइफल्स, आईजी, असम राइफल्स (पूर्व) और 9 कोर की कमान शामिल हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना के उप प्रमुख के रूप में नियुक्त होने से पहले 2022-2024 तक महानिदेशक इन्फैंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं।

लेफ्टिनेंट द्विवेदी की पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज से हुई है। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज (महू) से भी कोर्स किया है। इसके अलावा उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में प्रतिष्ठित एनडीसी समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो’ से सम्मानित किया गया। उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम फिल और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।

पीवीएसएम, एवीएसएम समेत कई सम्मानः  लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। 

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