दिल्लीः इंडिया यानी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के घटक दलों के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल आज यानी शनिवार को हिंसाग्रस्त मणिपुर के लिए रवाना हो गए। यह प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर जमीनी स्थिति का आकलन करेगा। दो दिवसीय दौरे पर जा रहे प्रतिनिधि मंडल के सदस्य और कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि शांति स्थापित हो यह सभी की प्रमुख चिंता है। डीएमके के नेता टीआर बालू ने कहा वहां जाकर पता लगाएंगे, आखिर गलती कहां हुई।
प्रतिनिधिमंडल में गोगोई के अलावा कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी की सुष्मिता देब, झामुमो की महुआ मांझी, डीएमके नेता कनिमोई, डी रविकुमार, एनसीपी के नेता मोहम्मद फैजल, आरएलडी के जयंत चौधरी, राजद के मनोज कुमार झा, केके सुरेश, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके केटी थिरूमावलावन, जदयू के राजीव रंजन (ललन) सिंह, अनिल प्रसाद हेगड़े, माकपा के संदोश कुमार, एए रहीम, सपा के जावेद अली खान, आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर, आप के सुशील, उद्धव गुट के अरविंद सावंत और कांग्रेस की फूलो देवी नेताम हैं।
अब आइए आपको बताते हैं कि मणिपुर की हिंसा को लेकर किसने-क्या कहा..
- आम आदमी पार्टी सांसद सुशील गुप्ता: सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और PM संसद में नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमने जमीनी हालात देखने के लिए मणिपुर का दौरा करने का फैसला किया है।
- कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी: हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द को समझने के लिए जा रहे हैं। हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं, सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं।
- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई: आने वाले सप्ताह में हम मणिपुर के लोगों की चिंताओं को संसद के सामने रखना चाहते हैं। जो लोग एक भारत की बात करते थे उन्होंने मणिपुर में दो पक्ष बना दिए हैं।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा, सत्ता के लालच में बीजेपी महिला सम्मान और देश के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ कर रही है। फेसबुक पर एक वीडियो साझा करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वीडियो में मणिपुर में दो महिलाओं से बर्बरता, उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाने, बृजभूषण शरण सिंह के महिला पहलवानों का कथित यौन उत्पीड़न, उत्तराखंड में एक महिला की हत्या, जिसमें भाजपा नेता के बेटे को आरोपी बनाया गया है, जैसी घटनाओं का हवाला दिया गया है। इसमें बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषियों की रिहाई का जिक्र भी किया गया है।
उधर, बीजेपी ने विपक्षी दलों के मणिपुर दौरे की आलोचना करते हुए कहा कि मणिपुर की स्थिति खराब करने से बाज आएं। पार्टी ने आरोप लगाया कि संसद में हंगामा के बाद अब राज्य में विपक्ष हंगामा कराने की ताक में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर ने प्रसाद ने कहा कि उन्हें विपक्षी नेताओं के हिंसाग्रस्त मणिपुर जाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें वहां स्थिति को भड़काना नहीं चाहिए। भाजपा के सांसद रवि किशन ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान और चीन भी जाना चाहिए, जहां उनकी बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि संसद वाला तनाव वे वहां भी पैदा करना चाहते हैं। लेकिन मुद्दे की संवेदनशीलता को उन्हें समझना चाहिए।
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने विपक्षी सांसदों के दौरे को नाटक बताया। उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा से भागते रहे और अब स्थिति से लाभ उठाने की फिराक में हैं।