Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः भारत की अर्थव्यवस्था के लिए साल के सातवें महीने का यह पहला दिन नौ वर्ष पहले यादगार बन गया, जब केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को अमल में लेकर आई। देश के कर प्रणाली में सुधार में इसे अत्यंत महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा गया है।

भारत में सबसे बड़े कराधान सुधारों में से एक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सभी राज्य अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक एकल, एकीकृत भारतीय बाजार प्रदान किया है।

केंद्र सरकार ने लोकसभा में 19 दिसंबर 2014 को वस्तु एवं सेवाकर से संबंधित विधेयक 2014 पेश किया था। संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 संविधान में नए अनुच्छेद 246A, 269A,अनुच्छेद 279A को शामिल किया गया और अनुच्छेद 268A को समाप्त कर दिया,  जो संविधान में 88वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा शामिल किया गया था। यह संविधान संशोधन विधेयक संविधान की सातवीं अनुसूची में दी गयी संघ सूची से प्रविष्टि 92 और 92C और राज्य सूची से प्रविष्टि 52 और 55 समाप्त करेगा। सरकार ने यह विधेयक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष करों की एक जैसी प्रणाली को स्थापित करने के उद्देश्य किया था।

इसके अलावा इस विधेयक के द्वारा अनुच्छेद 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366, 368 छठी अनुसूची, संघ सूची की प्रविष्टि 84 और संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 54 और 62 को संशोधित करने का भी प्रावधान है।

अनुच्छेद 246A: प्रत्येक राज्य के विधानमंडल वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित कानून को बना सकते हैं, बशर्ते कि वो कानून संसद द्वारा अनुच्छेद 246A(2) के तहत पारित किए गए किसी भी अधिनियम की अवहेलना नहीं करता हो।

अनुच्छेद 246A(2): केवल संसद के पास यह अधिकार होगा की वह माल की आपूर्ति या सेवाओं के अन्तर्राज्यीय व्यापार या वाणिज्य के विषय में वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित कानून को बना सकती है।

अनुच्छेद 269A: अन्तर्राज्यीय व्यापार के सन्दर्भ में माल की आपूर्ति और सेवाओं पर जो जीएसटी लगाया जायेगा, उसको केवल केंद्र सरकार द्वारा ही एकत्र किया जायेगा। हालांकि जीएसटी परिषद की सिफारिश पर विधि द्वारा तय किए गए ढंग से संघ और राज्यों के बीच इसे विभाजित किया जाएगा।

अनुच्छेद 279A: यह विधेयक भारत के राष्ट्रपति को 122 संविधान संशोधन अधिनियम 2014 के प्रारंभ होने के 60 दिनों के अंदर जीएसटी परिषद का गठन करने का अधिकार देता है।

नेशनल पोस्टल वर्कर्स डेः विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं। डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ऐसे में 01 जुलाई को पूरी दुनिया में  ‘नेशनल पोस्टल वर्कर्स डे’ के दिन डाककर्मियों का आभार व्यक्त करने का प्रचलन उभरा है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ‘नेशनल पोस्टल वर्कर डे’ की अवधारणा अमेरिका से आई, जहाँ वाशिंगटन राज्य के सीऐटल शहर में वर्ष 1997 में कर्मचारियों के सम्मान में इस विशेष दिवस की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे भारत सहित अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा। यह दिन दुनिया भर में डाककर्मियों द्वारा की जाने वाली सेवा के सम्मान में मनाया जाता है।

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाककर्मियों की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं। ‘डाकिया डाक लाया’ के साथ  ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है। आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, दवाईयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियाँ भी डाकियों द्वारा ही पहुँचायी जा रही हैं। वाराणसी परिक्षेत्र में दो हजार से ज्यादा पोस्टमैन लोगों के दरवाजे पर हर रोज दस्तक लगाते हैं, जिनके द्वारा औसतन प्रति माह 6 लाख स्पीड पोस्ट व पंजीकृत पत्र और 13 लाख साधारण पत्रों का वितरण किया जा रहा है। ई-कामर्स को बढ़ावा देने हेतु कैश ऑन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने हेतु नन्यथा मोबाईल एप एवं डाकियों द्वारा एण्ड्रोयड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल हैं।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीऑर्डर बाँटने वाली रही है, पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स  बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा,डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। घर-घर जाकर आईपीपीबी के अंतर्गत डाकियों द्वारा घर बैठे 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार बनाने, आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के तहत प्रति माह 20,000 लोगों का आधार नामांकन/अद्यतनीकरण का कार्य किया जा रहा है, वहीं 18,000 लोगों को आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से घर बैठे उनके विभिन्न बैंक खातों  से नगदी उपलब्ध करायी जा रही है। आज भी डाककर्मी जाड़ा, गर्मी, बरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों तक डाक सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।  आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 01 जुलाई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर…

1781 – हैदर अली और ब्रिटिश सेना के बीच युद्ध।
1852 – सिन्ध के मुख्य आयुक्त सर बर्टलेफ्रोरे द्वारा सिफर सिंध राज्य में और मुंबई कराची मार्ग पर प्रयोग के लिए ‘सिन्ध डाक’ नामक डाक टिकट जारी किया गया।
1862 – कलकत्ता उच्च न्यायालय का उद्घाटन।
1879 – भारत में पोस्टकार्ड की शुरुआत।
1955 – इंपीरियल बैंक आफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण, इसे स्टेट बैंक आफ इंडिया का नाम दिया गया।
1960 – अफ्रीकी देश घाना को गणराज्य घोषित किया गया।
1962 – बिधान चंद्र रॉय का निधन।
1964 – भारतीय औद्योगिक विकास बैंक की स्थापना
1968 – अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और 59 अन्य देशों ने परमाणु हथियारों का प्रसार रोकने के लिए परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए।
1975 – तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 20 सूत्री कार्यक्रम का ऐलान किया।
1991 – वारसा संधि भंग की गयी।
1995 – अमेरिका ने ताइवान के खिलाफ लागू प्रतिबंध हटाये।
1996 – विश्व में पहली बार आस्ट्रेलिया के उत्तरी प्रांत में इच्छा मृत्यु कानून लागू।
1997 – भारत की पहली साईंस सिटी कलकत्ता में खोली गई।
1997 – हांगकांग ने 156 वर्ष के ब्रिटिश शासन के बाद चीन का अधिकार स्वीकार किया।
2000 – लार्ड्स के 100वें ऐतिहासिक टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को हराया।
2006 – शतरंज खिलाड़ी परिमार्जन नेगी सबसे कम उम्र के दूसरे ग्रैंडमास्टर बने।
2017 – भारत में अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया।

 

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