दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर मंगलवार सुबह रवाना हो गए हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी की यह पहली स्टेट विजिट है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें स्टेट विजिट के लिए आमंत्रित किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी अब तक के दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री और तीसरे बड़े नेता हैं, जिन्हें अमेरिका की तरफ से इस विजिट के लिए इनवाइट किया गया है।

इससे पहले 1963 में राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और 2009 में मनमोहन सिंह स्टेट विजिट पर अमेरिका गए थे। यही वजह है कि पीएम मोदी के पिछले 07 अमेरिकी दौरों की तुलना में यह विजिट बेहद खास है। पीएम मोदी 72 घंटे में 10 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और न्यूयॉर्क में योग भी करेंगे।

पीएम मोदी ने अमेरिका रवाना होने से पहले ट्वीट कर कहा, “भारत-अमेरिका के बीच गहरे संबंध हैं और हर क्षेत्र में हमारी भागीदारी लगातार बढ़ी है। अमेरिका गुड्स एंड सर्विसेज में हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। इसके अलावा, साइंस, टेक्नोलॉजी, हेल्थ और डिफेंस के क्षेत्र में भी हम सहयोगी हैं। दोनों देश इंडो-पैसेफिक को फ्री और ओपन बनाने की तरफ भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।“

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी बातचीत दोनों देशों के बीच बाइलेट्रल रिलेशन को और आगे लेकर जाएगी। मुझे विश्वास है कि अमेरिका की मेरी यात्रा डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और आजादी के मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को और मजबूत करेगी। हम वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ मजबूती से खड़े हैं। अब आपको बताते हैं कि पीएम मोदी के साथ कौन-कौन जा रहे हैं…

अमेरिका दौरे पर पीएम मोदी के साथ मंत्रियों का एक दल और ट्रेड डेलिगेशन भी जा रहा है। डेलिगेशन में अलग-अलग सेक्टर्स जैसे IT, डिफेंस, एविएशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े लोग होंगे, जबकि मंत्रियों के दल में विदेश मंत्री एस जयशंकर और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल का होना तय माना जा रहा है।। इस दौरे पर भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस, टेक्नोलॉजी, स्ट्रैटेजिक और बिजनेस डील होंगीं। पीएम मोदी 20 अमेरिकी कंपनियों के CEOs से भी मिलेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का यह अमेरिका दौरा कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि PM के रवाना होने से पहले 15 दिन के भीतर 2 बड़े अमेरिकी नेता भारत आ चुके हैं।

एक ओर जहां अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की। वहीं, नेशनल सिक्योरिटी एडवाजर जेक सुलिवन भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले। अमेरिका के रक्षा मंत्री ने बताया था कि दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर डील हुई हैं। इनकी घोषणा PM मोदी के अमेरिका दौरे पर की जाएगी।

वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत और अमेरिका के बीच बाइलेट्र्ल ट्रेड 128 बिलियन डॉलर पार कर चुका है। यानी इस अंतराल में भारत और अमेरिका ने 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया।

अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का ट्रेड सरप्लस है। यानी भारत अमेरिका को ज्यादा सामान बेचता है और वहां से कम सामान खरीदता है। 2021-22 में, भारत का अमेरिका के साथ 32.8 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस था। भारत इस ट्रेड सरपलस को बरकरार रखना चाहता है। इस लिहाज से PM की विजिट अहम है।

स्ट्रैटेजिक और डिप्लोमैटिक तौर पर भी ये यात्रा बेहद खास है। दरअसल, चीन के मुद्दे को लेकर भारत और अमेरिका की चिंता लगभग एक जैसी हैं। एक तरफ जहां LAC और हिंद महासागर में चीन की दखलंदाजी का भारत विरोध करता है।

वहीं, अमेरिका भी ताइवान और साउथ चाइना सी में चीन की घुसपैठ की कोशिशों का विरोध करता है। ऐसे में चीन से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे के साथ की जरूरत है। इसके अलावा PM के इस दौरे पर भारत को दुनिया का सबसे एडवांस्ड MQ-9 ड्रोन और फाइटर जेट के इंजन बनाने की 11 टेक्नोलॉजी अमेरिका से मिलने की संभावना है।

आपको बता दें कि पीएम मोदी इससे पहले 6 बार अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मुलाकात कर चुके हैं। उनकी पहली मुलाकात सितंबर 2021 में अमेरिका में हुई थी। तब दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में करीब 90 मिनट तक बातचीत की थी।

इसके बाद मोदी और बाइडेन अक्टूबर में इटली में G-20 समिट के दौरान मिले थे। दोनों नेताओं की अगली मुलाकात मई 2022 में ही QUAD समिट के दौरान हुई थी।

इसके बाद दोनों नेता जून 2022 में G-7 समिट के दौरान जर्मनी में मिले थे। इसके बाद मोदी-बाइडेन की मुलाकात नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में G-20 समिट के दौरान हुई थी। दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात 2023 मई में G7 देशों के समिट के दौरान हुई। यहां बाइडेन ने PM मोदी से उनका ऑटोग्राफ मांगा था।

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