दिल्लीः हमें अपने सिस्टम की खामियों को ढंकने की जरूरत नहीं है। हमें इसे सामने लाकर इसकी मरम्मत करने की कोशिश करनी चाहिए। यह कहना है चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ का। उन्होंने कोर्ट से जुड़ी सूचनाएं मिलने में आने वाली परेशानियां दूर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की कॉपी जल्द ही हिंदी समेत देश की दूसरी भाषाओं में भी मिलेगी।
बीसीएमजी (BCMG) यानी काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे CJI ने कहा कि कहा कि देश का अदालती सिस्टम लोगों के लिए बनाया गया है और सिस्टम व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकता है। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे युवा वकीलों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा- मैं कामना करूंगा कि आप ऊंची उड़ान भरें और अपने सपने साकार करें।
उन्होंने कोर्ट में सोशल गैदरिंग पर जोर देते हुए कहा कि युवा और नए वकीलों को जितने ज्यादा मौके दिए जाएंगे, वकालत का पेशा उतना ही समृद्ध होगा। हमें अवसर को कुछ खास लोगों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, इसके लिए हाशिए पर पड़े समुदाय के वकीलों को मौका देना जरुरी है। उन्होंने कहा- मैं सुप्रीम कोर्ट में रोज आधा घंटा युवा वकीलों को सुनता हूं, इससे देश की नब्ज का पता चलता है।
इस दौरान सीजेआई ने जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोर्ट के फैसलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए दूसरी भाषाओं में ट्रांसलेट करने के संकेत दिए। इससे गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी भाषा में फैसलों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने पहले कहा था- कोर्ट पेपरलेस होकर तकनीक सुगम बने, यह मेरा मिशन है।
सीजेआई ने कोर्ट की कार्यवाही के लाइव-स्ट्रीमिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून में रुचि रखने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स लाइव-स्ट्रीमिंग के जरिए कोई भी केस देख सकते हैं, उसे समझ सकते हैं और उस पर चर्चा कर सकते हैं। जब आप लाइव किसी मुद्दे पर चर्चा करते हैं, तो पता चलता है कि समाज में कितना अन्याय हो रहा है।
जस्टिस चंद्रचूड BCMG के न्यूज-व्यूज चैनल की भी शुरुआत की। न्यूज-व्यूज देश का पहला बार काउंसिल न्यूज है। उन्होंने युवा वकीलों के लिए BCMG की तरफ से तैयार सिविल और क्रिमिनल प्रैक्टिस हैंडबुक का भी विमोचन किया। 50 हजार युवा वकीलों को इस हैंडबुक की कॉपी फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी।