दिल्ली डेस्कः देश के पहलवान पिछले तीन दिन से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में धरने पर बैठे हैं। इस बीच डब्ल्यूएफआई (WFI) यानी भारतीय कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच जारी विवाद का असर उत्तर प्रदेश के गोंडा में होने वाली नेशनल चैंपियनशिप पर पड़ा है। इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कई खिलाड़ी लौट रहे हैं। वापस लौटने वालों में दिल्ली के रेसलर प्रदीप मीणा भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा रेसलर लौट चुके हैं। इन लोगों ने चैंपियनशिप में खेलने से इनकार कर दिया है। प्रदीप ने कहा कि अब गोंडा में ज्यादा पहलवान नहीं है। हम लोग दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे रेसलर केस साथ हैं। वहां पहुंचते ही जंतर-मंतर जाएंगे।

उधर, यौन शोषण के आरोपों में घिरे WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने शुक्रवार को इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं मुंह खोल दूंगा तो सुनामी आ जाएगी। मेरे समर्थन में भी कई खिलाड़ी हैं। मैं शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।“

वहीं सूत्रों ने बताया कि खेल मंत्रालय WFI पर डायरेक्ट एक्शन नहीं ले सकता है, लेकिन आईओए (IOA) यानी भारतीय ओलिंपिक संघ फेडरेशन को इसे भंग कर सकता है। ऐसे में अगर बृजभूषण नहीं माने तो IOA कार्रवाई कर सकता है। आपको बता दें कि इस समय IOA की अध्यक्ष पीटी ऊषा हैं और पहलवानों ने उन्हें शिकायती पत्र भेजा है।

पहलवानों ने IOA को लिखे लेटर में पहलवानों ने अपना पूरा दर्द बयान किया। पहलवानों ने आरोप लगाया कि जब टोक्यो ओलिंपिक में विनेश फोगाट मेडल से चूक गई थीं, तब कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने उन्हें मानसिक तौर पर इतना परेशान किया कि विनेश ने सुसाइड का मन बना लिया था।

उधर, विनेश ने धरना स्थल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन जारी रहेगा। हम यहीं (जंतर-मंतर पर) मेट लगाकर अपनी प्रैक्टिस जारी रख सकते हैं। हमने अपने ईश्यू खेल मंत्री के सामने रखे थे। कुछ मुद्दे ऐसे थे जिन पर हम असंतुष्ट थे। उन्होंने हमें आज शाम को फिर बुलाया है।

हमारे साथ 5 से 6 लडकियां हैं, जिनके साथ शोषण हुआ है। हमने जो इल्जाम लगाए हैं, वे सच हैं। हम झूठ नहीं बोल रहे हैं। अगर सुनवाई नहीं हुई तो हम केस करके आगे बढ़ेंगे। हमें अब तक सुना गया है, लेकिन संतुष्ट जवाब नहीं मिला है.

उन्होंने कहा कि हम आत्मसम्मान की रक्षा के लिए यहां आए हैं। ये कुश्ती का दुर्भाग्य होगा की लड़कियों के साथ इतना शोषण हुआ है। फेडरेशन में उन्हीं (बृजभूषण) के लोग भरे पड़े हैं। हमें देश के PM पर भरोसा है। मैं PM सर से रिक्वेस्ट कर रही हूं की आप हमारे साथ न्याय करें।

आपको बता दें कि बृजभूषण शरण के इस्तीफे की मांग कर रहे महिला और पुरुष पहलवानों ने भारतीय ओलिंपिक संघ में यौन शोषण की शिकायत की है। खेल मंत्रालय ने लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी इन पहलवानों से बातचीत की। गुरुवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की पहलवानों के साथ 4 घंटे बैठक चली थी। अनुराग ठाकुर अभी बृजभूषण के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, WFI ने कहा कि सीनियर नेशनल ओपन टूर्नामेंट अपने तय समय 21 से 23 जनवरी के बीच गोंडा में होगा और सभी पहलवान इसमें पहुंचें।

आपको बता दें कि युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने WFI को नोटिस देकर 72 घंटे में जवाब मांगा था, जिसकी मियाद खत्म होने वाली है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही फेडरेशन अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप सकता है। इधर, सूत्रों ने बताया कि पहलवान भले ही यौन उत्पीड़न के मामले में सबूत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ दिया नहीं है।

 

IOA के पास नेशनल फेडरेशन को भंग करने का अधिकार है। 2008 और 2009 में ऐसा किया जा चुका है। IOA ने 2008 में हॉकी फेडरेशन को भंग कर दिया था। उस समय फेडरेशन के सेक्रेटरी के ज्योति कुमारन पर एक स्टिंग ऑपरेशन में खिलाड़ी से पैसे लेने का मामला सामने आया था।

उस समय हॉकी फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष केपीएस गिल थे। उस समय अस्थायी समिति की कमान पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेख खान को सौंपी गई थी। इस समिति में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अजितपाल सिंह, जफर इकबाल, धनराज पिल्लै और आशोक कुमार इसके सदस्य थे।

साल में 2009 में वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को भी IOA ने भंग कर दिया था। उस समय वेटलिफ्टिंग में डोप के कई मामले आ रहे थे। उस समय अध्यक्ष हरभजन सिंह थे। खेल मंत्रालय ने बृजभूषण सिंह को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था, पर उन्होंने मना कर दिया था। मंत्रालय ने दूसरा रास्ता अपनाया और IOA ने फेडरेशन को भंग कर दिया था।

सूत्रों की माने तो खेल मंत्रालय की ओर से कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर कार्रवाई के चांसेज कम हैं। सूत्रों ने बताया कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह खुद रिजाइन करते हैं तो ठीक, वर्ना मिनिस्ट्री उन्हें हटा नहीं सकती। WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कार्यकाल मार्च तक खत्म हो रहा है। कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार वे अब आगे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here