दिल्ली: उत्तराखंड स्थित जोशीमठ में लोगों के घरों में दरारे पड़ रही हैं। लोग अपनी नजरों के सामने अपने आशियाने को उजड़ते देखने के लिए मजबूर है। वहीं इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने रविवार को पीएमओ (PMO) यानी प्रधानमंत्री कार्यालय में कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहे। अध‍िकार‍ियों ने बताया कि जोशीमठ में एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की चार टीम तैनात हैं। वहीं, सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए सदस्य स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को उत्तराखंड का दौरा करेंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए कल जोशीमठ का दौरा किया था। इससे एक दिन उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था। धामी ने कहा था कि जोशीमठ सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और इसे बचाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है।

जोशीमठ में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने कहा कि दरार के कारण 11 और घरों में रहने वाले परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने का निर्देश देने के एक दिन बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने उन घरों का भी दौरा किया, जिनकी दीवारों और छत में चौड़ी दरारें आ गई हैं।

 

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