मुंबईः एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी और बालासाहेबांची शिवसेना गठनबंध सरकार को बने हुए अभी छह महीने भी नहीं हुए, लेकिन अभी से ही मतभेद की खबरें सामने आने लगी हैं। दोनों दलों के बीच मतभेद की वजह है कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र का सीमा विवाद। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक दोनों दल कर्नाटक में आने वाले क्षेत्र को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्ताव लाने के मुद्दे पर एकमत नहीं हैं। बताया जा रहा है कि प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की राय अलग-अलग है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार के दो शीर्ष नेताओं में टकराव से गठबंधन पर संकट पैदा हो सकता है।
आपको बता दें कि शिंदे की बालासाहेबांची शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी पार्टी कर्नाटक से सीमा विवाद को लेकर सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। हालांकि, राज्य में बीजेपी के नेतृत्व की तरफ से ऐसे किसी प्रस्ताव की बात नहीं की गई। माना जा रहा है कि बीजेपी कर्नाटक में अपने ही दल के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मुद्दे को नहीं भड़काना चाहती। विशेषकर ऐसे समय में जब कर्नाटक में अगले ही साल चुनाव भी होने वाले हैं।
प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिंदे के मंत्री के एलान के बावजूद सोमवार को सरकार की तरफ से कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर कोई प्रस्ताव लाने की चर्चा नहीं है। बालासाहेबची शिवसेना के नेताओं के मुताबिक, विधानसभा में इस प्रस्ताव को लेकर कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी हुआ है। दरअसल, भाजपा नेता कर्नाटक की ओर से सीमा विवाद पर जारी किए गए प्रस्ताव के विरोध के पक्ष में नहीं हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से अगले साल कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को दिक्कत आएगी। हालांकि, प्रस्ताव को लेकर चर्चा अभी जारी है और इसे विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंत में भी लाया जा सकता है।
उधर, शिंदे समर्थक नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री इस प्रस्ताव को लाने के पक्ष में हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला विपक्ष उन पर हमलावर है। कई विपक्षी नेताओं ने शिंदे पर आरोप लगाया है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री के मुकाबले सीमा विवाद पर उनका पक्ष काफी कमजोर रहा है। इतना ही नहीं विपक्ष ने कई मौकों पर सरकार में शिंदे और फडणवीस की शक्तियों की तुलना करने की भी कोशिश की है।